उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के रिजल्ट घोषित कर दिए हैं. इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षा में कुछ अभावग्रस्त बच्चों ने ऐसा कमाल कर दिखाया है जिसे आप 'गुदड़ी का लाल' भी कह सकते हैं.
जी हां हमीरपुर में जहां एक अनाथ बच्चा जिला टॉपर बना है वहीं मुरादाबाद में सब्जी बेचने वाले के बेटे जतिन राज ने 12वीं की परीक्षा में पूरे प्रदेश में पांचवीं रैंक हासिल की है.
बिना माता-पिता के उज्जवल बना जिला टॉपर
यूपी के हमीरपुर जिले में एक ऐसा छात्र टॉपर बना है जिसके माता, पिता की पहले ही मौत हो चुकी है. उज्जवल गुप्ता नाम के इस छात्र ने पूरे जिले में टॉप किया है. उसे उसके बाबा और दाई ने पाला है. इस गरीब मेधावी छात्र ने हाई स्कूल की बोर्ड परीक्षा में जिले में टॉप कर इतिहास रच दिया है.
हमीरपुर जिले में बीजेपी के सदर विधायक मनोज प्रजापति के गांव "पौथिया" के एस वी इन्टर कॉलेज में कक्षा दस के छात्र उज्जवल गुप्ता ने जिले में पहला स्थान हासिल किया है. उसके पिता रामचंद्र गुप्ता की कैंसर की बीमारी के चलते 2010 मृत्यु हो गयी थी और मां रामा की मौत भी साल 2013 में हो गई थी.
उज्जवल और छोटी बहन श्रद्धा का पालन पोषण इनके बाबा तारा चंद गुप्ता और दादी रामलली ने "चाय" बेच कर किया. दादा-दादी ने मिलकर उज्जवल को पढ़ाया. उज्जवल ने बताया की वो पढ़-लिखकर अपने मम्मी-पापा का नाम रौशन करना चाहता हूं.
उज्जवल ने अपने आगे की योजना को लेकर कहा कि वो पढ़ाई कर बीटेक करेगा और फिर इंजीनियर बनेगा. उज्जवल ने इस सफलता पर अपने माता-पिता को याद करते हुए कहा, मुझे आज भी मम्मी-पापा की बहुत याद आती है.
सब्जी बेचने वाले के बेटे को मिली पांचवीं रैक
उत्तर प्रदेश में लंबे इंतजार के बाद 12वीं कक्षा का परिणाम आ चुका है जिसमें मुरादाबाद के छात्र जतिन राज ने पूरे स्टेट में पांचवां स्थान हासिल किया है, साथ ही जिले में टॉप भी किया है.
शिक्षकों ने उसे मिठाई खिलाकर बधाई दी है. कड़ी मेहनत के बाद छात्र ने जनपद में पहला स्थान पाया है और पूरे प्रदेश में इंटर में पांचवां स्थान हासिल कर अपने माता-पिता का नाम रौशन किया है. जतिन के पिता सब्जी बेचने का काम करते हैं और उन्होंने इसी के जरिए अपने बेटे को पढ़ाया है.
जतिन राज कांठ इलाके के महाऋषि दयानंद इंटर कॉलेज के छात्र हैं. जतिन राज ने बताया कि उसके परिवार में 8 लोग हैं. 5 भाई-बहन माता-पिता और उनकी दादी हैं. उनके पिता सब्जी का ठेला लगाते हैं. जतिन ने बताया कि कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने यह स्थान हासिल किया है. उन्होंने भविष्य में कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करने का फैसला लिया है.
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