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किसान आंदोलन के दौरान टूटे ट्रैक्टर, ठीक कराने पर यूपी-दिल्ली पुलिस आपस में उलझी

किसान आंदोलन खत्म होने के बाद किसान जब घर जाने को हुए तो कइयों का ट्रैक्टर खराब निकला क्योंकि पुलिस ने उसे तोड़ दिया था, इसे ठीक कराने को लेकर यूपी और दिल्ली पुलिस के बीच बहस भी हो गई.

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पुलिस को तोड़े गए ट्रैक्टरों को ठीक कराना पड़ा (फोटो-रामकिंकर)
पुलिस को तोड़े गए ट्रैक्टरों को ठीक कराना पड़ा (फोटो-रामकिंकर)

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आधी रात किसान घाट पर जाने की इजाजत के बाद अधिकतर किसान अपने घरों को लौट गए. बुधवार की सुबह लगा कि सभी किसान दिल्ली से बाहर चले गए, लेकिन यूपी गेट पर करीब 25 ट्रैक्टर खराब होने की वजह से गाजियाबाद से दिल्ली को जाने वाले ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया गया.

गाजियाबाद के एसपी ट्रैफिक श्याम नारायण सिंह खुद ट्रैफिक संभाल रहे थे. किसान 25 खराब पड़े ट्रैक्टर्स को ठीक कराने की जिद करने लगे. लेकिन सवाल यह था कि इसकी जिम्मेदारी लेगा कौन?

यूपी पुलिसकर्मियों का कहना था कि दिल्ली पुलिस ने लाठी, डंडे बरसाए और किसानों के ट्रैक्टर तोड़े तो वही इसे ठीक भी कराए. जबकि दिल्ली पुलिसकर्मियों का कहना था कि खराब ट्रैक्टर एमसीडी बूथ से पहले ही यूपी पुलिस की सीमा में है तो वो ठीक कराएं.

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विवाद बढ़ता देख आइजी रामकुमार मौके पर पहुंचे और एसपी को ट्रैक्टर्स को ठीक कराकर जल्द से जल्द किसानों की रवानगी सुनिश्ति कराने को कहा.

इंदिरापुरम थानाध्यक्ष सचिन मलिक को इसका इंचार्ज बनाया गया. सचिन ने कहा कि उन्होंने ही अधिकतर ट्रैक्टर ठीक करावाए जिनकी संख्या 25 थी.

रैली में आए मेरठ मंडल के अध्यक्ष मांगेराम त्यागी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने 25 ट्रैक्टर की हवा निकाल दी, तार काट दिए, बालगोटी और रेडिएटर तोड़ दिया था जिसको ठीक इनको ही कराना चाहिए, लेकिन सभी ट्रैक्टर यूपी पुलिस ने ठीक करवाए.

वहीं गाजीपुर थाना एसएचओ मनमोहन सिह नेगी का कहना था कि हमने पंचरवाले 5 मिस्त्री और 10 मैकेनिक बुलवाए थे और कई ट्रैक्टर ठीक करवाए.

हालांकि ये सब होते-होते दोपहर के एक बज गए तब तक किसानों ने भंडारा खाकर चाय पी ली थी और फिर किसान यूनियन का नारा लगाते हुए गाजियाबाद की सीमा में दाखिल हो गए. जब यूपी गेट किसानों से खाली हो गया तो पुलिसकर्मी राहत लेते और एक-दूसरे को बधाई देते दिखाई दिए.

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