नीति आयोग की रिपोर्ट में यूपी की बदहाल सेवाओं और धर्म-जाति के नाम पर हो रहे अपराधों को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी तो डबल इंजन वाली सरकार है तो जातिवादी और धार्मिक उन्मादियों को क्यों नहीं रोक पा रही है.
मायावती ने बीजेपी पर ये निशाना ट्वीट के जरिए किया. झारखंड के चर्चित मॉब लिचिंग मामले में ट्वीट करके मायावती ने कहा, 'बीजेपी सरकारें ऐसे जातिवादी व धार्मिक उन्मादी जघन्य अपराध अपने राज्यों में लगातार क्यों होने देती हैं, जिससे पूरा राज्य और वहां की सरकार ही नहीं बल्कि देश की भी बदनामी होती है और पीएम को भी शर्मिंदा होना पड़ता है. वैसे अब तो पुलिस व सरकारी कर्मचारी भी इस नई आफत के शिकार हैं.'
नीति आयोग की ओर से जारी किए गए नेशनल हेल्थ इंडेक्स में उत्तर प्रदेश का स्थान देशभर में निचले पायदान पर है. यूपी की खराब स्वास्थ्य सेवाओं पर मायावती ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने लिखा, 'नीति आयोग की रिपोर्ट सरकार को लज्जित करने वाली है कि जनस्वास्थ्य के मामले में यूपी देश का सबसे पिछड़ा राज्य है.' मायावती नीति आयोग की रिपोर्ट को लेकर जहां सरकार पर हमलावर हुईं, वहीं सरकार को डबल इंजन वाली सरकार बताया.
मायावती ने खराब स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठाया कि बीजेपी की ऐसी डबल इंजन वाली सरकार का क्या लाभ? ऐसा विकास करोड़ों जनता के किस काम का, जिसमें उसका जीवन पूरी तरह से नरक बना हुआ है? उन्होंने मॉब लिचिंग को लेकर पूरे राज्य को जिम्मेदार बताया है. हालांकि इससे पहले बुधवार को लोकसभा में पीएम ने कहा था कि झारखंड में मॉब लिंचिंग की घटना से वह आहत हैं.
उन्होंने कहा कि यह कहना कि झारखंड मॉब लिंचिंग का अड्डा बन गया है, ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि क्या पूरे झारखंड राज्य को दोषी बता देना सही है? जो बुरा हुआ है उसे अलग करें. सबको कठघरे में रखकर राजनीति तो कर लेंगे लेकिन पूरे झारखंड को बदनाम करने का हक हमें नहीं है, वहां भी सज्जनों की भरमार है. न्याय हो, इसके लिए कानूनी व्यवस्था है.
मायावती लगातार बीजेपी सरकार पर इन दिनों हमलावर है. साथ ही लोकसभा में अपनी सहयोगी पार्टी समाजवादी पार्टी पर भी इन दिनों वो निशाना साध रही है. इशारा साफ है कि आने वाले उपचुनावों और उत्तर प्रदेश में 2022 के चुनावों के मद्देनजर मायावती ने अपनी कमर कस ली है.