यूपी के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में MBBS की सीटों का सौदा होता है. जी हां, कीमत तय है. कैश दो और डॉक्टर बनने के लिए तैयार हो जाओ. यहां डॉक्टर बनने की कीमत है 35 लाख रुपये. वैसे अगर आपको एमडी और एमएस की सीटों पर दाखिला चाहिए तो जेब से करोड़ों रुपये खर्च करने होंगे. खास बात यह है कि कॉलेजों की इस मनमानी का खुलासा और सवाल सीधे विधान परिषद में उठा है.
दरअसल, बुधवार को बीएसपी ने प्रदेश की अखिलेश सराकर को प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के जरिए घेरने की कोशिश की. बताया गया कि निजी मेडिकल कॉलजों में सीटों के गोरखधंधे का यह खेल नया नहीं है. इस खेल के बारे में यूपी सरकार भी जानती है, लेकिन वह कार्रवाई नहीं कर रही. हालांकि इस पर नेता सदन व स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन ने कहा कि सरकार मामले की जांच करा रही है.
मामला उठने के बाद सभापति गणेश शंकर पांडेय ने भी सरकार को इस मामले की पूरी रिपोर्ट 14 या 15 जुलाई को सदन में रखने का निर्देश दिया है. नेता प्रतिपक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी और सदन के सदस्य सुनील कुमार चित्तौड़ ने कार्यस्थगन प्रस्ताव में निजी मेडिकल कॉलेजों की मनमानी का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि सपा सरकार में शिक्षा के स्तर में लगातार गिरावट आ रही है. निजी मेडिकल कॉलेज चिकित्सा शिक्षा को चौपट करते जा रहे हैं. नियमों को ताक पर रखकर डॉक्टरी डिग्रियां बेची जा रही हैं.
नेताओं ने कहा कि रुपये लेकर डॉक्टर बनाए जा रहे हैं और सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही. इन आरोपों पर जवाब देते हुए अहमद हसन ने कहा कि सरकार इस मामले में गंभीर है और जांच करा रही है.