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UP में बजट से नाखुश विपक्ष, किसानों-बेरोजगारों के लिए कुछ ठोस नहीं

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले अपना चुनावी बजट पेश कर दिया है, लेकिन विपक्ष इससे खुश नहीं है और उसने निराशा जताई है.

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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (फाइल फोटो)

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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की ओर से शुक्रवार को पेश किए गए दूसरे बजट को राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा बजट बताया जा रहा है, लेकिन विपक्षी दलों को यह बजट रास नहीं आया और इसे नाउम्मीदी से भरा बताया.

योगी सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने 4 लाख 28 हजार करोड़ रुपये का मेगा बजट पेश किया. यह बजट पिछले साल की तुलना में 11.4 प्रतिशत ज्यादा है. पिछले साल 3.84 लाख करोड़ का बजट पेश किया गया था.

बजट को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ तो मिली, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे खराब बजट बताया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों और ग्रामीणों को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया गया है. वित्तीय अनुशासन को बनाए रखते हुए हमने किसानों और नौजवानों को देखते हुए बेहतर तरीके से बजट पेश किया. ये बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट है.

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जबकि समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने ट्वीट कर बजट पर निराशा जताई और इसे नाउम्मीदगी से भरा बताया. उन्होंने कहा कि बेहाल किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए और न ही बेरोजगारों युवाओं के लिए किसी कारगर योजना की घोषणा की गई है. उद्योग-व्यापार क्षेत्र से जुड़े लोगों को भी निराशा ही हाथ लगी है.

वहीं यूपी विधानसभा में सपा और विपक्ष के नेता राम गोविंद चैधरी भी बजट से खुश नहीं दिखे और उन्होंने कहा कि इस निराशाजनक बजट में 75 फीसदी योजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर हैं. लग रहा है कि प्रदेश की योगी सरकार को केंद्र की मोदी सरकार ही चला रही है. बजट पूरी तरह से किसान, नौजवान और गरीब विरोधी है.

बसपा और कांग्रेस ने भी बजट पर निराशा जताई. दोनों ही पार्टियों की ओर से कहा गया कि बजट से वंचितों का उत्थान नहीं होगा.

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