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योगी सरकार ने किसानों को बजट में दी सौगात, क्या किसानों की नाराजगी दूर होगी?

यूपी सरकार के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने सूबे के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट 5,50,270 करोड़ रुपये का पेश किया. योगी सरकार ने बजट के जरिए किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ-साथ उनके लिए कई योजनाओं की सौगात दी है. 

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यूपी का बजट पेश करते वित्तमंत्री सुरेश खन्ना
यूपी का बजट पेश करते वित्तमंत्री सुरेश खन्ना
स्टोरी हाइलाइट्स
  • योगी सरकार किसानों को मुफ्त देगी पानी की सुविधा
  • किसान की आय को 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य
  • किसानों का पांच लाख का बीमा करेगी सरकार

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर पिछले तीन महीने से किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों के गुस्से का अब पश्चिम यूपी के इलाकों में बीजेपी नेताओं को भी सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उत्तर प्रदेश की यूपी सरकार के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने सूबे के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट 5,50,270 करोड़ रुपये का पेश किया. योगी सरकार ने बजट के जरिए किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ-साथ उनके लिए कई योजनाओं की सौगात दी है. 

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वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सूबे की योगी सरकार ने किसानों की आय को साल 2022 तक दोगुना करने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 से आत्मनिर्भर कृषक समन्वित विकास योजना चलाई जाएगी. इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित किया है. इसके अलावा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में प्रस्तावित है. किसानों को मुफ्त पानी की सुविधा के लिए बजट में 700 करोड़ रुपये मुहैया कराने का प्रस्‍ताव रखा गया है. 

योगी सरकार ने सूबे में रियायती दरों पर किसानों को फसली ऋण उपलब्ध कराए जाने हेतु अनुदान के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में 15 हजार सोलर पम्पों की स्थापना का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. किसानों के लिए 5 लाख का बीमा, बंटाई किसान भी योजना में शामिल है. 

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गन्ना किसानों को लेकर वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले चार सालों में सरकार ने गन्ना किसानों के 1 लाख 23 हजार करोड़ रुपये के रेकॉर्ड मूल्य का भुगतान कराया गया है. दूसरी सरकारों से 27 हजार 785 करोड़ रुपये ज्यादा गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया. इसके अलावा प्रदेश की सभी न्याय पंचायतों में गौ आश्रय स्थलों के विकास के लिए स्थानीय सहभागिता तथा स्वैच्छिक संगठनों की सहभागिता प्राप्त की जायेगी तथा ब्रीड इम्प्रूवमेन्ट कार्यक्रम को भी मजबूती से आगे बढ़ाया जाएगा.

दरअसल, योगी सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट है. यही वजह रही कि योगी सरकार बजट के जरिए किसानों की नाराजगी को दूर करने की कवायद करती दिखी है. कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर विपक्ष सूबे भर में किसान पंचायत करके योगी सरकार और बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने में जुटे हैं. पश्चिम यूपी के किसानों में सरकार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है.

पिछले दिनों दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिमी यूपी के जाट नेताओ ंके साथ बैठक कर किसानों की नाराजगी को दूर करने और कृषि कानूनों के लेकर उनकी शंकाओं को दूर करने की बात कही थी. इसी के बाद केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और यूपी सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने खाप नेताओं के साथ संपर्क स्थापित की, लेकिन उन्हें किसानों की नाराजगी का सामना करना पड़ा है. ऐसे में योगी सरकार ने किसानों के लिए विकास का पिटारा खोल दिया. ऐसे में देखना है कि सरकार की इस लोकलुभावनी घोषणाओं से किसानों का गुस्सा कम होता है कि नहीं? 

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