उत्तर प्रदेश की दो विधानसभा और एक लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. इन उपचुनाव को लेकर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा), दोनों ही अपना-अपना कुनबा दुरूस्त करने में जुटे हुए हैं. सपा ने अब ये ऐलान कर दिया है कि पार्टी यूपी उपचुनाव में अपने गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के साथ मिलकर ही चुनाव मैदान में उतरेगी.
सपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर ये जानकारी दी गई है. इस ट्वीट में कहा गया है कि उपचुनाव में सपा और आरएलडी मिलकर चुनाव लड़ेंगे. सपा की ओर से इसी ट्वीट में ये भी जानकारी दे दी गई है कि किस सीट पर किस दल का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा. एक लोकसभा और एक विधानसभा सीट पर सपा उम्मीदवार उतारेगी तो दूसरी विधानसभा सीट से आरएलडी चुनाव लड़ेगी.
मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट से सपा उम्मीदवार उतारेगी. आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द होने से रिक्त हुई रामपुर विधानसभा सीट पर भी सपा उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खतौली सीट बीजेपी विधायक को सजा सुनाए जाने के बाद सदस्यता रद्द होने की वजह से रिक्त हुई है. सपा-आरएलडी गठबंधन में ये सीट आरएलडी के हिस्से आई है.
मुजफ्फरनगर जिले की खतौली विधानसभा सीट पर सपा गठबंधन की ओर से आरएलडी अपना उम्मीदवार उतारेगी. गौरतलब है कि यूपी की इन सभी सीटों पर 5 दिसंबर को मतदान होना है. इसके लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 10 नवंबर से शुरू हो रही है. नामांकन पत्र दाखिल करने का अंतिम तारीख 17 नवंबर को है.
रद्द हो गई थी दो विधायकों की सदस्यता
रामपुर और खतौली के विधायकों की सदस्यता कोर्ट से हेट स्पीच के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद रद्द हो गई थी. रामपुर विधायक आजम खान को रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने हेट स्पीच के मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी.
खतौली विधायक बीजेपी के विक्रम सैनी को मुजफ्फरनगर जिला कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी. इसके बाद विधानसभा स्पीकर ने दोनों विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी थी. बता दें कि आजम खान हेट स्पीच मामले में सजा सुनाए जाने के बाद अगले 9 साल तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे. इसी तरह विक्रम सैनी भी अगले आठ साल तक कोई चुनाव नहीं लड़ सकेंगे.