पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में कोटे की दुकान को लेकर हुई खुली बैठक के दौरान हुई फायरिंग में एक व्यक्ति की जान चली गई. रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में हुए इस गोलीकांड का आरोपी धीरेंद्र सिंह उर्फ डब्ल्यू भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का नेता बताया जाता है. इस घटना को लेकर सियासत गर्म है और विपक्षी दल आक्रामक हैं. इसी मुद्दे को लेकर यूपी के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आजतक से बात की.
उन्होंने कहा कि यूपी का एक इतिहास रहा है. लेकिन इसको लेकर हम अपना बचाव नहीं कर सकते हैं. हम लोगों के सरकार में आने का मकसद ही अपराध पर अंकुश लगाना है. योगी सरकार के आने के बाद से प्रदेश में अपराध पर काफी हद तक अंकुश लगा है.
उन्होंने कहा कि एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) के आंकड़े भी हमारे दावे की तस्दीक करते हैं. जहां तक बलिया की घटना की बात है, हम लोगों ने तुरंत कार्रवाई की है. हमने वहां के एसपी और एसओ को सस्पेंड किया है. इसके साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी गई है. हमारी सरकार की नीयत क्राइम को रोकने की है. एनसीआरबी के डाटा भी सरकार के इरादे को सही ठहराते हैं. गोली मारने वाले या कोई भी अपराधी बख्शे नहीं जाएंगे. हमने अपने विधायक तक को नहीं छोड़ा है. कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं. कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.
सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि कानून की नजर में जो भी अपराधी होंगे, उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी. राज्य की परिस्थिति अच्छी है. जो लोग अपराधियों को संरक्षण देते थे, आज उनके घर भी तोड़े जा रहे हैं. यही योगी सरकार की उपलब्धि है. पहले की गंदगी निकालने में समय लगता है, हम लोग उस पर भी काम कर रहे हैं.
वहीं सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्ताधारी बीजेपी के एक नेता ने एसडीएम और सीओ के सामने खुलेआम एक युवक की हत्या कर दी. उसके फरार हो जाने से कानून व्यवस्था का सच सामने आ गया है. अखिलेश ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अब देखें क्या एनकाउंटर वाली सरकार अपने लोगों की गाड़ी भी पलटाती है या नहीं.
बता दें, इस मामले में अभी तक दो नामजद आरोपियों देवेंद्र प्रताप सिंह और नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया है. ये दोनों मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह के भाई हैं. बताया जाता है कि फरार मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह सेना का रिटायर्ड जवान है. वह भूतपूर्व सैनिक संगठन की बैरिया तहसील इकाई का अध्यक्ष भी है. धीरेंद्र को बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह का करीबी भी बताया जाता है.