प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से डॉ. मनमोहन सिंह की विदाई और नरेंद्र मोदी की ताजपोशी के बीच बहुत कुछ बदला-बदला सा नजर आएगा लेकिन यूपी का दबदबा बरकरार रहेगा. फर्क होगा तो बस इतना कि पीएमओ की कमान अब यूपी कैडर के आईएएस पुलक चटर्जी की जगह नृपेंद्र मिश्र के हाथों में होगी. मिश्र को प्रधानमंत्री का प्रमुख सचिव बनाया गया है. नृपेंद्र मिश्र 1967 बैच के यूपी कैडर के आईएएस हैं और 2009 में रिटायर हो चुके हैं.
यूपीए की तरह एनडीए सरकार में भी यूपी की ब्यूरोक्रेसी का दबदबा कायम रहने के संकेत हैं. प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव के पद पर नृपेंद्र मिश्र की नियुक्ति से इसके संकेत मिल रहे हैं. मौजूदा समय में पीएमओ के प्रमुख सचिव और कैबिनेट सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर यूपी कैडर के अफसर ही तैनात थे. पुलक चटर्जी तथा कैबिनेट सचिव अजित कुमार सेठ दोनों ही 1974 बैच के आईएएस हैं.
केंद्र में सत्ता परिवर्तन के साथ ही पुलक चटर्जी की पीएमओ से विदाई हो गई और उनकी जगह रिटायर्ड आईएएस नृपेंद्र मिश्र ने पीएमओ का कामकाज संभाल लिया जबकि अजित कुमार सेठ का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है.
नृपेंद्र मिश्र टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के चेयरमैन रह चुके हैं. मिश्र की छवि एक कुशल प्रशासक की है. प्रदेश में वह प्रमुख सचिव सूचना समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. लंबे समय तक वह दिल्ली में तैनात रहे हैं. संचार, वाणिज्य एवं उर्वरक मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभालने के साथ-साथ वह अलग-अलग सरकारों में कई मंत्रियों के साथ भी काम कर चुके हैं.
प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पद पर नियुक्ति के साथ ही अगले कैबिनेट सचिव को लेकर भी ब्यूरोक्रेसी में कयास लगाए जाने लगे हैं. इस अहम पद के लिए जिन नामों की चर्चा है, उनमें यूपी कैडर की 1977 बैच की आईएएस नीता चौधरी भी शामिल हैं. वह इस समय केंद्र में महिला एवं बाल विकास विभाग में सचिव के पद पर तैनात हैं. जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार में शामिल यूपी के दिग्गज नेताओं की चली तो एक बार फिर यह पद यूपी के खाते में आ सकता है. नीता चौधरी इस पद के मानकों को तो पूरा करती ही हैं, समीकरण भी उनके पक्ष में बताए जा रहे हैं.