समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव भले ही उत्तर प्रदेश सरकार को देश की सबसे बेहतर सरकार करार दे रहे हों, लेकिन खुद उनके बेटे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी इस प्रशंसा से खुश नहीं हैं.
अखिलेश सरकार मानती है कि अन्य राज्यों में भी उससे बेहतर कार्य हो रहा है. यही वजह है कि ऐसे राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज को उप्र सरकार अपने यहां लागू करने जा रही है. इनमें कांग्रेस-भाजपा शासित सरकारें शामिल हैं, तो पश्चिम बंगाल और उड़ीसा भी है. इन राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज का पता केंद्र सरकार द्वारा प्रशासनिक सुधार पर आयोजित 19वें क्षेत्रीय सम्मेलन के जरिये चला. केंद्र ने ऐसी बेस्ट प्रैक्टिसेज को अपनाने का सुझाव भी दिया है, जिसे राज्य सरकार ने मान लिया है.
प्रदेश के मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने 30 जनवरी को विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिवों और विभागाध्यक्षों को पत्र जारी कर इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है. मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि बेस्ट प्रैक्टिसेज को लागू करने के लिए अधिकारियों की टीम को भी भेजा जा सकता है.
अखिलेश सरकार जिन बेस्ट प्रैक्टिसेज को लागू करने का मन बना रही है उनमें कर्नाटक में वाणिज्य कर विभाग की ई-सुगम व्यवस्था, हिमाचल प्रदेश का दीर्घकालिक प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट, पश्चिम बंगाल के लघु उद्योग विभाग की आत्म मर्यादा व आत्म सम्मान स्कीम, राजस्थान की ई-औषधि, उड़ीसा की ई-शिशु, असम की कुपोषण से लड़ाई स्कीम, उड़ीसा का चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम और दिल्ली का आइसीटी लेड रेडिकल इंप्रूवमेंट है.