यूपी निकाय चुनाव के परिणाम आने के बाद EVM पर सवाल उठाने वाली सहारनपुर से पार्षद प्रत्याशी शबाना की पोल खुल गई है. उसने आरोप लगाया था कि उसे एक भी वोट नहीं मिला है. इस बात पर सवाल उठे कि आखिर उसका और उसके परिवार का वोट कहां गया? शबाना और उसके पति इकराम ने मीडिया में जब यह सवाल उठाया, तो इसके बाद यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस बयान को अपने ट्विटर हैंडल से रिट्वीट कर हवा दे दी. हालांकि अब यह साफ हो गया है कि शबाना झूठ बोल रही थी. सच तो यह है कि सहारनपुर जिले से वार्ड नंबर-54 पर पार्षद के पद पर चुनाव लड़ रही शबाना को जीरो वोट नहीं, बल्कि 87 वोट मिले हैं. उत्तर प्रदेश इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट में यह पूरा आंकड़ा दर्ज है.
नगर निकाय चुनाव के नतीजे आने पर शबाना ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा था, ''ये कैसे संभव है कि मेरा वोट भी मुझे नहीं मिला. कम से कम मेरा और मेरे परिवार को वोट तो मुझे मिलना चाहिए था.'' इससे पहले भी कई बार ईवीएम पर सवाल उठते रहे हैं.
सहारनपुर के वार्ड नंबर-54 से पार्षद प्रत्याशी शबाना को काउंटिंग में पता चला कि उन्हें बूथ नंबर-387 और 388 पर एक भी वोट नहीं मिला है. इस पर शबाना ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. उनका कहना था कि कम से कम उनको अपना और अपने परिवार का तो वोट मिला ही है. शबाना ने कहा कि आखिर ऐसा कैसे हो सकता है कि उनका अपना ही वोट उनको न मिला हो? उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी कि कम से कम 900 वोट मिलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि ईवीएम में गड़बड़ी हुई है तभी उनको बूथ पर एक भी वोट नहीं मिले.
इससे पहले वोटिंग के दौरान भी ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतें आई थीं. कानपुर में वोटिंग मशीन में गड़बड़ी को लेकर लोगों ने हंगामा किया था. वार्ड नंबर-66 पर ईवीएम में खराबी की शिकायत के बाद वोटरों ने जमकर बवाल किया था. नौबस्ता के पशुपतिनगर इलाके में आक्रोशित भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा था. बताया जा रहा है कि कानपुर के चकेरी क्षेत्र के वार्ड संख्या-58 में वोटिंग करने पहुंचे मतदाताओं ने जमकर हंगामा काटा था. वोटरों का आरोप था कि ईवीएम में किसी भी पार्टी का बटन दबाने पर वोट बीजेपी को ही जा रहा है.