लखनऊ के बहुचर्चित मोहनलालगंज हत्याकांड की सीबीआई जांच होगी. यूपी सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है. गृह विभाग के एक सीनियर अफसर के मुताबिक कि इस घटना की शिकार महिला के परिजनों की इच्छा का ख्याल रखते हुए सीएम अखिलेश यादव के सीबीआई जांच की सिफारिश की है.
इस मामले में पुलिस का दावा गलत साबित हुआ है. शनिवार को आई फॉरेंसिक रिपोर्ट में महिला से गैंगरेप की पुष्टि हुई है. महिला के नाखूनों में एक से अधिक लोगों के डीएनए मिले हैं. इसका मतलब हुआ कि वारदात में एक से अधिक लोग शामिल थे.
गौरतलब है कि हाल में एडीजीपी सुतपा सान्याल ने यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि महिला से दुष्कर्म नहीं बल्कि इसकी कोशिश हुई थी. और वारदात में सिर्फ एक ही शख्स शामिल था. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी यही बात कही गई थी.
क्या है पूरा मामला?
लखनऊ में मोहनलालगंज के बलसिंहखेड़ा गांव स्थित प्राइमरी स्कूल में 16 जुलाई को एक महिला का शव मिला था. उसके कपड़े झाड़ियों में पड़े थे. उस पर 12 जगह धारदार हथियार से वार किए गए थे. प्राइवेट पार्ट्स पर भी वार किए गए थे. इस मामले में पुलिस ने स्कूल के सिक्योरिटी गार्ड रामसेवक यादव को आरोपी बताकर सिर्फ उसे ही गिरफ्तार किया है.