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जेवर एयरपोर्ट का नाम और लोगो हुआ अप्रूव्ड, CM योगी बोले- ग्लोबल ब्रांड बनेगा यह हवाई अड्डा

चार चरण में बनने वाले इस हवाई अड्डे की शुरुआती क्षमता 1.2 करोड़ यात्री प्रति वर्ष की होगी, जिसे अलग-अलग चरण में बढ़ाते हुए 2050 तक सात करोड़ यात्री प्रति वर्ष तक किया जाएगा. 

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योगी सरकार ने फाइनल किया जेवर एयरपोर्ट का डिजाइन
योगी सरकार ने फाइनल किया जेवर एयरपोर्ट का डिजाइन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नोएडा अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा, जेवर होगा नाम
  • सीएम योगी बोले, ग्लोबल ब्रांड बनेगा यह हवाई अड्डा

योगी सरकार के नेतृत्व में गौतमबुद्ध नगर के जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है. गुरुवार को इस एयरपोर्ट का नाम, लोगो और डिजाइन फाइनल हो गया है. जेवर में बनने वाले इस एयरपोर्ट का नाम नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट होगा. उड़ता हुआ सारस पक्षी को एयरपोर्ट की पहचान बनाया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को इस एयरपोर्ट के नाम, लोगो व डिजाइन को मंजूरी देते हुए  कहा कि यह विश्व के बेहतरीन हवाई अड्डों में से एक होगा. इस एयरपोर्ट को 'ग्लोबल ब्रांड' के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा. 

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एक सरकारी प्रवक्ता के मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लोगो, नाम और डिजाइन को अपनी स्वीकृति दे दी है. चार चरण में बनने वाले इस हवाई अड्डे की शुरुआती क्षमता 1.2 करोड़ यात्री प्रति वर्ष की होगी, जिसे अलग-अलग चरण में बढ़ाते हुए 2050 तक सात करोड़ यात्री प्रति वर्ष तक किया जाएगा. 

हवाई अड्डे में शुरुआत में दो रन-वे होंगे, जिसे बढ़ाकर पांच रन-वे तक किया जाएगा. हवाई अड्डे का नाम 'नोएडा अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा, जेवर' होगा, जबकि लोगो में राज्यीय पक्षी 'सारस' की छवि है. हवाई अड्डे का डिजाइन लंदन, मॉस्को और मिलान के विश्वप्रसिद्ध एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार किया गया है. 

मुख्यमंत्री आवास पर इस संबंध में एक प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नोएडा अंतराराष्ट्रीय हवाई अड्डा, जेवर की स्थापना से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक अवस्थापना का विकास होगा, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और विनिर्माण एवं निर्यात को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही हवाई यातायात सुगम होगा. 

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परियोजना के संबंध में जानकारी देते हुए निदेशक एवं विशेष सचिव नागरिक उड्डयन सुरेंद्र सिंह ने बताया कि विश्वस्तरीय हवाई अड्डे के निर्माण के लिए कंशेसनायर यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड ने चार दिसंबर को मास्टर प्लान नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. के समक्ष प्रस्तुत किया था, जिसे परीक्षण के लिए नागरिक विमानन मंत्रालय, भारत सरकार को भेजा गया है. 

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प्रवक्ता ने बताया कि कंसेशन एग्रीमेंट की शर्तों के अनुसार राज्य सरकार सहायता समझौते की कार्यवाही पांच अप्रैल 2021 तक की जानी है. इस संबंध में यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड को पत्र भेजा जा चुका है. इसी माह यह कार्य भी पूरा हो जाएगा. सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थापना के लिए आवश्यक 1334 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी द्वारा की गई है. साथ ही पुनर्वास व विस्थापन के लिए 48.097 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है.

इस मौके पर यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ अरुण वीर सिंह ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए ग्लोबल टेंडर के माध्यम से सबसे अधिक प्रति पैसेंजर प्रीमियम की बोली 400.97 रुपए लगाने वाली कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को विकास कर्ता के रूप में चयनित भी किया जा चुका है. इस एयरपोर्ट को भारत सरकार की हाई स्पीड रेल लाइन से भी जोड़े जाने की योजना है, जो दिल्ली से होते हुए नोएडा, जेवर, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी तक पहुंचेगी. हाई स्पीड रेल की कुल लंबाई 816 किलोमीटर है जो औसतन करीब 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी. 

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उन्होंने आगे कहा कि 2023 में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत की जाएगी रात में एयरपोर्ट एक रनवे के साथ काम करेगा. धीरे-धीरे रनवे की तादाद बढ़ाई जाएगी. 5 रनवे तक जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विकास किया जाएगा. 


 

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