अखिलेश सरकार ने वर्ष 2012 में इंटरमीडियट परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों को मुफ्त लैपटॉप देने की योजना सोमवार से शुरू करने के साथ ही इसमें गड़बडिय़ां भी नजर आने लगी हैं.
माध्यमिक शिक्षा परिषद के पोर्टल पर नाम दर्ज कराने वाले छात्र-छात्राओं के आवेदन का सत्यापन करने पर तीन दर्जन के अधिक आवेदन गड़बड़ मिले हैं. ये सभी करामत गल्र्स डिग्री कॉलेज लखनऊ के हैं.
वर्ष 2012 में इंटरमीडियट पास करने वाली छात्राओं के आवेदनों का सत्यापन करने पर पता चला कि तीन दर्जन से अधिक ने तो वर्ष 2012 में इंटरमीडियट परीक्षा पास की ही नहीं. ये सभी छात्राएं 2009, 2010 और 2011 में इंटरमीडियट पास कर चुकी हैं. कुछ छात्राएं ऐसी भी हैं जिन्होंने यूपी के बाहर के जिलों से इंटरमीडियट पास किया है.
लखनऊ में लैपटॉप के आवेदन पत्रों के सत्यापन में मिली चूक से माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के होश उड़ गए हैं. लखनऊ के बाद अब मैनपुरी, कन्नौज में बंटने वाले लैपटॉप को पाने के लिए विद्यार्थियों को इंटरमीडियट की ओरिजिनल मार्कशीट दिखानी पड़ेगी.