गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत मामले में आरोपी डॉक्टर कफील अहमद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बच्चों की मौत के मामले में झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वे इस मुद्दे का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ लेने के लिए कर रहे हैं.
इंडिया टुडे से बातचीत में कफील खान ने कहा 'यह बड़े दु:ख की बात है कि सीएम बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पिछले साल अगस्त में हुई दुःखद घटना को लेकर झूठ बोल रहे हैं. वे दावा करते हैं कि मौतें, ऑक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई, जबकि यूपी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दिए हलफनामे में इसे स्वीकारा है. यहां तक कि आरटीआई के जवाब में सरकार की तरफ से कहा गया है कि ऑक्सीजन सिलिंडर सप्लाई करने वाले वेंडर को पेमेंट नहीं किया गया और इसी की वजह से ऑक्सीजन की कमी हुई.'
डॉ कफील ने आगे कहा कि 10 अगस्त से 12 अगस्त के बीच 27 नवजात शिशुओं की मौत हुई, तो सीएम कैसे कह सकते हैं कि उनकी मौत इंसेफलाइटिस से हुई. इसमें कोई आंतरिक (बीआरडी मेडिकल कॉलेज की) राजनीति नहीं है, लेकिन यह सब यूपी सीएम द्वारा राजनीतिक लाभ लेने और अपनी सरकार को बचाने के लिए किया जा रहा है. अगर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कुछ गलत नहीं हुआ तब पिछले कुछ महीनों से मेडिकल बुलेटिन क्यों नहीं जारी हो रहा है.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पिछले साल अगस्त में 24 घंटों के दौरान बड़ी संख्या में बच्चों के मारे जाने की घटना को वहां की ‘आंतरिक राजनीति‘ के कारण तूल मिली थी. साथ उन्होंने यह भी दोहराया कि किसी भी बच्चे की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई और सरकार की तरफ से इंसेफलाइटिस को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की वजह से शिशुओं की मृत्यु दर में काफी कमी आई है.
मुख्यमंत्री योगी के बयान पर समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह ने कहा कि यह काफी आदित्यनाथ राज्य के सीएम हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण है. अपने इस बयान के बाद वे (योगी आदित्यनाथ) यह भी कह सकते हैं कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोई मौत ही नहीं हुई. जबकि तथ्य यह है कि पिछले साल मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत ऑक्सीजन की सप्लाई की कमी के कारण हुई थी.