यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद 20 महीनों के दौरान 100 से अधिक छोटे-बड़े सांप्रदायिक दंगे और अगस्त-सितंबर में मुजफ्फरनगर और आसपास के इलाकों में हुए दंगे ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की लोकप्रियता में जबरदस्त गिरावट की थी. दंगा नियंत्रण में सरकार की हुई किरकिरी से उबरने के लिए अखिलेश यादव ने अब अपना ध्यान यूपी में पूंजी-निवेश बढ़ाकर विकास की गति को तेज करने में लगाया है.
शनिवार, 14 दिसंबर को अखिलेश यादव ने अपने आवास 5, कालीदास मार्ग पर 10 करोड़ से लेकर 3700 करोड़ रुपये तक लागत की आठ औद्योगिक परियोजनाओं को जमीनों का अलॉटमेंट लेटर बांटकर यह जताने की पुरजोर कोशिश की कि दंगों का दौर अब बीत चुका है और सरकार अब विकास के रास्ते पर आ चुकी है.
15765.7 करोड़ रुपये के निवेश की इन परियोजनाओं के चालू होने पर 29000 लोगों को रोजगार मिलेगा. इतने भारी निवेश को मुख्यमंत्री की कोशिशों का निवेशकों की ओर से मिले सकारात्मक सहयोग के रूप में भी देखा जा रहा है. सभी परियोजनाओं के लिए जमीन यूपी राज्य औद्योगिक विकास निगम दे रहा है.
इस मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 'प्रदेश में अपेक्षा के मुताबिक निवेश नहीं होने का मुख्य कारण आर्थिक मंदी है. इसके बावजूद सपा सरकार उद्योगपतियों का विश्वास जीतने में सफल हुई है.' प्रमुख सचिव (अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश) डॉ. सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि अभी प्रदेश में 500 मिलियन डॉलर का निवेश पाइपलाइन में है. जल्द ही प्रदेश में निवेश की झड़ी लगने वाली है.