गुरु पूर्णिमा के मौके पर गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वहां जनसभा को संबोधित किया. पड़ोसी देश नेपाल को केंद्र बनाकर भारत पर निशाना साध रही ताकतों को जवाब देने का आह्वान करते हुए पड़ोसी मुल्क के लोगों को भी कौशल विकास से जोड़ने की जरूरत बताई.
सीएम योगी ने कहा, 'अच्छा है कि सीमावर्ती क्षेत्र में हम दोनों ओर के नागरिकों को इस कौशल विकास के माध्यम से प्रशिक्षित करें... क्योंकि भारत और नेपाल के संबंध उसी प्रकार से हैं, जैसे शरीर दो हों, लेकिन उनमें एक ही आत्मा निवास करती हो.'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम लोगों को दुनिया की उन ताकतों को जवाब देना है, जो नेपाल को केंद्र बनाकर भारत पर निशाना साधना चाहती हैं. इस दृष्टि से यह अत्यंत महत्वपूर्ण होगा कि नेपाल के नागरिकों को भी, एक सांझी विरासत के होने के नाते अपने साथ प्रशिक्षित करवाकर उन्हें भी कौशल विकास के क्षेत्र में आगे बढ़ाना चाहिए, ताकि वे अपनी रोजी-रोटी के लिए भटकने को मजबूर ना हों.' उन्होंने फूड पोसेसिंग के क्षेत्र में लोगों को कार्य करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में विकास की अपार सम्भावनाएं हैं.
दरअसल गुरु पूर्णिमा के मौके पर योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर में अपने शिष्यों के बीच गुरु के रूप में मौजूद थे. योगी आदित्यनाथ इस मौके पर सीएम नहीं, बल्कि महंत आदित्यनाथ योगी के रूप में गुरु की भूमिका में दिखें. इस दिन के लिए खास तौर पर योगी आदित्यनाथ गोरखपुर पहुंचे थे, जिनसे मिलने और अपनी फरियाद सुनाने के लिए लोगों की भारी भीड़ थी. इस दौरान कई महिलाएं भी वहां पहुंची थीं.
बता दें कि गुरु पूर्णिमा के इस कार्यक्रम को मुख्यमंत्री के सरकारी कार्यक्रम में नहीं रखा गया था और सुबह से लेकर दोपहर 3:00 बजे तक का वक्त आरक्षित वक्त के तौर पर उनके प्रोटोकॉल में शामिल नहीं है, इसलिए यह पूरा वक्त गुरु पूर्णिमा पर उनके अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेने और महंत की भूमिका निभाने के लिए रखा गया था.
इससे पहले रविवार की सुबह योगी आदित्यनाथ अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ को चंदन लगाकर पूजा की शुरुआत की. गोरखपुर का गोरखनाथ पीठ इस पंथ में आस्था रखने वालों का सबसे बड़ा केंद्र है, जहां कई सौ सालों से गुरु शिष्य परंपरा चली आ रही है. गोरखनाथ को मानने वालों में हर साल गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु से आशीर्वाद लेने और गुरु दक्षिणा देने की सदियों पुरानी परंपरा है और बता और महंत योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री रहते इस परंपरा को निभा रहे हैं. इस मौके पर गुरु दक्षिणा में शिष्य उनका पूजन करते हैं, उन्हें फल चढ़ाते हैं और गोरखनाथ पीठ में गुरुदक्षिणा देते हैं, जबकि गुरु के तौर पर महंत उन्हें फल और फूल आशीर्वाद स्वरूप देते हैं.