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योगी सरकार का बड़ा फैसला, फर्जी टीचरों से वसूलेगी 900 करोड़ रुपये

उत्तर प्रदेश में एसटीएफ और शिक्षा विभाग की जांच में फर्जी दस्तावेज़ों पर नौकरी करने वाले अभी तक करीब 1509 शिक्षक सामने आ चुके हैं. सरकार ने तय किया है कि हर एक फर्जी टीचर से वसूली होगी.

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो-PTI)
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फोटो-PTI)

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  • यूपी की योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है
  • फर्जी शिक्षकों से होगी 900 करोड़ की वसूली

उत्तर प्रदेश सरकार फर्जी टीचरों की बढ़ती संख्या पर सख्त हो गई है. इसके मद्देनजर यूपी की योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. सरकार अब फर्जी शिक्षकों से 900 करोड़ रुपये वसूल करेगी.

उत्तर प्रदेश में एसटीएफ और शिक्षा विभाग की जांच में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वाले अभी तक क़रीब 1509 शिक्षक सामने आ चुके हैं. सरकार ने तय किया है कि हर एक फर्जी टीचर से वसूली होगी.

इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी शिक्षकों के डॉक्युमेंट्स की जांच करने के आदेश दिए थे. मुख्यमंत्री ने आदेश दिए हैं कि हर शिक्षक के कागजात की जांच की जाए. इसके लिए जांच टीम बनाई जाएगी. मुख्यमंत्री के आदेश पर माध्यमिक, उच्च और बेसिक शिक्षा विभाग के साथ ही समाज कल्याण विभाग के विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कार्यरत सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच होगी.

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अनामिका शुक्ला प्रकरण में सरगना तक पहुंची यूपी की एसटीएफ, तीन गिरफ्तार

जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि प्रदेश में अनामिका शुक्ला का प्रकरण चर्चा में रहा. अनामिका शुक्ला के नाम पर प्रदेश के 25 विद्यालयों में नौकरी किए जाने का मामला सामने आया था. एक ही नाम से, एक ही डॉक्युमेंट के सहारे 13 महीने से 25 स्कूलों में नौकरी कर फर्जीवाड़ा करने वालों ने सरकार को लगभग एक करोड़ रुपये की चपत लगाई थी.

यूपी में जांचे जाएंगे सभी शिक्षकों के डॉक्यूमेंट्स, CM योगी ने दिए आदेश

इस मामले में तब नया मोड़ आ गया था, जब असली अनामिका शुक्ला बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पहुंच गई और खुद के अब तक बेरोजगार होने की जानकारी दी. इस प्रकरण के अलावा एसटीएफ ने भी कई जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर कई शिक्षकों के प्रमाण पत्र में अंक बढ़ाने के लिए हेर-फेर की जानकारी देकर एफआईआर कराने को कहा था. इनमें से कई 20 साल से अधिक समय से सेवारत हैं.

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