राम मंदिर विवाद को सुलझाने के लिए भले ही सुप्रीम कोर्ट ने बातचीत की सलाह दी हो, लेकिन यूपी की नई सरकार ने रामायण सर्किट के सपने को हकीकत बनाने के लिए कमर कस ली है.
एक हफ्ते में योजना पर अमल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरयू नदी के किनारे रामायण सर्किट के प्रस्ताव को एक हफ्ते के भीतर मंजूरी देने का ऐलान किया है. प्रस्ताव को केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने रखा था. लेकिन अखिलेश यादव के राज में इस पर कोई खास अमल नहीं हुआ. अब योगी आदित्यनाथ ने शर्मा से कहा है कि सर्किट के लिए चिन्हित जमीन एक हफ्ते के भीतर उपलब्ध करा दी जाएगी.
क्या है प्रोजेक्ट?
केंद्र सरकार ने अयोध्या समेत ऋंगवेरपुर और चित्रकूट को मिलाकर रामायण सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए 223.94 करोड़ की योजना स्वीकृत की है. इसमें अयोध्या में 151.12 करोड़ के काम होंगे. ऋंगवेरपुर को 17.15 करोड़ और चित्रकूट को 45 करोड़ रुपये मिलेंगे. इस पैसे से घाटों-मंदिरों और पर्यटन स्थलों को आधुनिक शक्ल देते हुए रामकालीन रूप में प्रस्तुत किया जाएगा. यह धन रामायण सर्किट के निर्माण के फेज-1 की अनुमानित लागत है.