उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मॉरीशस से लौटने के बाद शनिवार को एनटीपीसी हादसे में घायल लोगों का हालचाल लेने लखनऊ के सिविल अस्पताल गए. सबसे पहले योगी पीजीआई पहुंचे, जहां घायलों से मिलने के बाद डॉक्टरों को उचित इलाज करने और किसी भी तरह की कोताही न बरतने की हिदायत दी.
पीजीआई से योगी लखनऊ के सिविल अस्पताल पहुंचे, जहां एनटीपीसी के ज्यादातर घायल कर्मचारियों का इलाज चल रहा है. मीडिया से बात करते हुए योगी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से मामले की जांच चल रही है और इस भीषण हादसे के दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. योगी ने कहा कि दोषियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा. सिविल असपताल के बाद योगी केजीएमसी अस्पताल भी गए और पीडितों का हालचाल जाना.
मालूम हो कि बुधवार को रायबरेली के ऊंचाहार में NTPC प्लांट के बॉयलर फटने से 32 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि करीब 100 लोग घायल हो गए थे. इनमें से कुछ घायलों को लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. साथ ही गंभीर रूप से घायल लोगों को दिल्ली के सफदरजंग और एम्स अस्पताल में रेफर किया गया है. हादसे के तुरंत बाद सीएम योगी ने मृतकों को परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपए के मुआवजे का एलान किया था.
एनटीपीसी हादसे के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी गुजरात दौरा बीच में छोड़कर पीड़ितों से मिलने रायबरेली पहुंचे थे. केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने भी ऊंचाहार जाकर पीड़ितों का हाल जाना. हादसे की जांच के लिए एक्सपर्ट की एक टीम बनाई गई है जो कि 30 दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट देगी. वहीं प्लांट के बड़े अधिकारी रविंद्र सिंह राठी ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर घटना का ब्यौरा मीडिया के सामने रखा और माना कि मशीन में खामियां थीं.
मृतकों को एनटीपीसी की तरफ से 20 लाख रुपये, गंभीर घायलों को 10 लाख, मामूली घायलों को 2 लाख रुपये मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा वर्कर कंपनसेशन के तहत 8 लाख रुपये दिए जाएंगे. इसके अलावा केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री आरके सिंह ने मामले की जांच कमेटी गठित कर दी है. एस के राय की अगुवाई में एक कमेंटी घटना की जांच करेगी.