scorecardresearch
 

CM बनने के बाद आज पहली बार अयोध्या जाएंगे योगी, रामलला के करेंगे दर्शन

2019 में सत्ता वापसी के लक्ष्य को साधने में जुटी बीजेपी के लिए अयोध्या बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है. मौका मिलने पर बीजेपी ने बार-बार राम मंदिर का कार्ड जमकर खेला है. बाबरी विध्वंस के बाद राम मंदिर को भुना कर यूपी में सत्ता पर भी काबिज हुई.

Advertisement
X
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Advertisement

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीएम बनने के बाद पहली बार अयोध्या का दौरा कर रहे हैं. जाहिर है कि मुख्यमंत्री के इस दौरे पर लोगों की नजरें तो हैं ही साथ ही सियासी हलकों में भी हलचल तेज है. मगर अयोध्या से योगी आदित्यनाथ का रिश्ता खास रहा है. आखिर क्या मायने हैं योगी के इस दौरे के? पढ़िए, हमारी इस खास रिपोर्ट में...

रामभक्त भी हैं योगी, पहले भी जा चुके हैं अयोध्या
उत्तर प्रदेश के मुखिया जब अयोध्या की पावन धरती पर कदम रखेंगे तो सिर्फ एक शासक के रूप में नहीं बल्कि बतौर रामभक्त भी. लखनऊ से कुछ 110 किलोमीटर दूर राम की नगरी रह-रह कर बीजेपी के सियासी एजेंडे पर हावी रही है. इस दौरे की टाइमिंग भी संकेतात्मक है. जब एक दिन पहले ही बीजेपी के पुराने सितारे आडवाणी और जोशी लखनऊ की सीबीआई की स्पेशल अदालत में हाजिर हुए. ये पहली बार नहीं है जब योगी आदित्यनाथ अयोध्या जा रहे हैं. इससे पहले वो अपने गुरू और गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ के साथ अयोध्या आ चुके हैं.

Advertisement

महंत अवैद्यनाथ के दिगंबर अखाड़े के महंत रामचन्द्र परमहंस के साथ बेहद अच्छे संबंध थे. रामचन्द्र परमहंस राम जन्मभूमि न्यास के पहले अध्यक्ष भी थे. ये न्यास भव्य मन्दिर के निर्माण के लिए गठित किया गया था. महंत अवैद्यनाथ खुद इसके सदस्य भी रहे हैं.

गुरू की अधूरी आकांक्षाओं को पूरा करने की जिम्मेदारी
19 अप्रैल 2017 को जब सुप्रीम कोर्ट ने आडवाणी समेत 13 और आरोपियों के खिलाफ साजिश का मामला दोबारा चलाने के आदेश दिया था उसमें महंत अवैद्यनाथ का भी नाम था. हालांकि उनके निधन के चलते उनका नाम हटा लिया गया. महंत अवैद्यनाथ ने अपने जीवित रहते अपनी विरासत अपने सबसे प्रिय और कर्तव्यनिष्ट शिष्य योगी आदित्यनाथ को सौंपी और उनको गोरखनाथ पीठ का उत्तराधिकारी बनाया. अब योगी के कंधों पर अपने गुरू की अधूरी आकांक्षाओं को पूरा करने की भी जिम्मेदारी है.

बीजेपी नहीं छोड़ना चाहती मुद्दा
2019 में सत्ता वापसी के लक्ष्य को साधने में जुटी बीजेपी के लिए अयोध्या बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है. मौका मिलने पर बीजेपी ने बार-बार राम मंदिर का कार्ड जमकर खेला है. बाबरी विध्वंस के बाद राम मंदिर को भुना कर यूपी में सत्ता पर भी काबिज हुई. मगर तब से अब तक सरयू नदी में बहुत पानी बह चुका है.

Advertisement

जहां राम मंदिर का मुद्दा कानूनी बारीकियों में फंसा है, जनता भगवा ब्रिगेड के नारे सुन-सुन कर बोर हो चुकी है. ऐसे में बीजेपी की कोशिश होगी केंद्र और राज्य में अपनी सरकार होने का पूरा फायदा उठाकर अयोध्या को सियासी रूप से जीवंत रखे.

अयोध्या में योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम
9:20 से 11 बजे तक: सबसे पहले मुख्यमंत्री हनुमानगढ़ी, राम जन्मभूमि फिर राम की पैड़ी और सरयू नदी के घाट पर आरती करेंगे
11:30 से 12 बजे तक: वे अवध यूनिवर्सिटी में पार्टी के पदाधिकारियों से चर्चा करेंगे
12 बजे से 2:30 बजे तक: यहां वे फैजाबाद मंडल के विकास कार्यों और कानून-व्यवस्था की समीक्षा भी करेंगे जिसमें मंत्री, विधायक सभी मौजूद रहेंगे
2:50 से 3:30 बजे तक: राम जन्मभूमि न्यास के पहले अध्यक्ष रामचन्द्र परमहंस के दिगंबर अखाड़ा में रहेंगे
3:35 से 4:35 बजे तक: दीनबंधु अस्पताल का निरीक्षण करेंगे, रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंथ नृत्यगोपाल दास के जन्मोत्सव समारोह में शामिल होंगे
5:15 बजे शाम को फैजाबाद के प्रधान डाकघर में पासपोर्ट सेवा का उद्घाटन करेंगे

Advertisement
Advertisement