सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी कट्टर हिंदुत्व वाली छवी के लिए जाने जाते हैं. लेकिन जब उन्होंने हजरत अली के जन्मदिन की शुभकामएं ट्विटर पर दी तो सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया.
सांसद से सीएम बने योगी ने मंगल की सुबह अपने ट्वीट में लिखा- 'हजरत अली के जन्मदिन पर प्रदेशवासियों को बधाई.' इसके बाद से ही उनके समर्थकों ने उन्हे ट्रोल करना शुरू कर दिया. किसी ने कहा कि आप तो ऐसे नहीं थे योगी.
तो किसी ने इस ट्वीट को सेक्यूलर ट्वीट बताया. एक यूजर ने कहा अब यहीं होना बाकी था. हालांकि कई लोगों ने योगी के ट्विट का समर्थन भी किया और उन्हें भी शुभकामनाएं दी.
@myogiadityanath secular tweet😃😊 Hanuman Jayanti bhool gaye?
— jay bharat (@BharatjayJay) April 11, 2017
@myogiadityanath Dekh ke dukh ho raha h ki secular wala rog hamare yogi Ji bhi lag gaya
— Ankit Kumar Mishra (@305dc12e717c43b) April 11, 2017
@myogiadityanath @abhkmrkus ये हज़रत अली कौन हे ????
— Minu 🌞 (@MeenaKalasuva) April 11, 2017
@myogiadityanath हम आपको केवल बजरंगबली की जयंती की शुभकामनाएं देते है
— Virendra Gauttam (@mpsviren) April 11, 2017
योगी आदित्यनाथ की बात करें तो वो हमेशा ही मुस्लिम विरोधी बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं. एक बार उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें अनुमति मिले तो वो देश के सभी मस्जिदों के अंदर गौरी-गणेश की मूर्ति स्थापित करवा देंगे.
वहीं मुस्लिमों की जनसंख्या पर उन्होंने कहा था 'मुस्लिमों की जनसंख्या तेजी से बढ़ना खतरनाक रुझान है, ये एक चिंता का विषय है, इस पर केंद्र सरकार को कदम उठाते हुए मुसलमानों की आबादी को कम करने की कोशिश करनी चाहिए.' अब योगी या ये बदला रूप उनके समर्थकों को रास नहीं आ रहा है. जिसके कारण उन्हें ट्रोल किया जा रहा है.
@myogiadityanath यही होना बाकी था।
— S N Jha 🇮🇳 (@snjha_16) April 11, 2017
@Tariqkh36242370 @KamalBrijwal Aisa Hi hona chahiye bhai , sab log milke ek saath rahe aapas mei aman ke saath aur Jo log ladai lagwate hai unse dur rahe
— Aditya Singh (@17298Aditya) April 11, 2017
Jai shree ram,
@myogiadityanath थैंक यू मुख्यमंत्री जी ! आप को भी तहेदिल से मुबारकबाद!
— Abdul Hai (@abdulhai_1) April 11, 2017
कौन थे हजरत अली
हजरत मुहम्मद की मृत्यु के बाद जिन लोगों ने अपनी भावना से हज़रत अली को अपना इमाम (धर्मगुरु) और ख़लीफा (नेता) चुना वो लोग शिया कहलाते हैं.
शिया विचारधारा के अनुसार हज़रत अली, जो मुहम्मद साहब के चचेरे भाई और दामाद दोनों थे, वही हजरत मुहम्मद के उत्तराधिकारी थे. उनके मुताबिक हजरत अली को ही पहला ख़लीफ़ा (राजनैतिक प्रमुख) बनना चाहिए था. हालंकि ऐसा हुआ नहीं और उन्हें तीन और लोगों के बाद ख़लीफा, यानि प्रधान नेता बनाया गया.
सुन्नी विचारधारा के मुताबिक, हज़रत अली से पहले तीन खलीफ़ा (हज़रत अबु बक़र, हज़रत उमर, हज़रत उस्मान) हज़रत अली चौथे खलीफा हैं. सुन्नी मुस्लिम अली को (चौथा) ख़लीफ़ा मानते है.