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योगी ने दी हजरत अली के जन्मदिन की बधाई, लोगों ने कहा- आप तो ऐसे नहीं थे

सांसद से सीएम बने योगी ने मंगल की सुबह अपने ट्वीट में लिखा 'हजरत अली के जन्म दिन पर प्रदेशवासियों को बधाई.' इसके बाद से ही उनके समर्थकों ने उन्हे ट्रोल करना शुरू कर दिया.

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योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ

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सीएम योगी आदित्यनाथ अपनी कट्टर हिंदुत्व वाली छवी के लिए जाने जाते हैं. लेकिन जब उन्होंने हजरत अली के जन्मदिन की शुभकामएं ट्विटर पर दी तो सोशल मीडिया पर लोगों ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया.

सांसद से सीएम बने योगी ने मंगल की सुबह अपने ट्वीट में लिखा- 'हजरत अली के जन्मदिन पर प्रदेशवासियों को बधाई.' इसके बाद से ही उनके समर्थकों ने उन्हे ट्रोल करना शुरू कर दिया. किसी ने कहा कि आप तो ऐसे नहीं थे योगी. तो किसी ने इस ट्वीट को सेक्यूलर ट्वीट बताया. एक यूजर ने कहा अब यहीं होना बाकी था. हालांकि कई लोगों ने योगी के ट्विट का समर्थन भी किया और उन्हें भी शुभकामनाएं दी.

 

 

 

 

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योगी आदित्यनाथ की बात करें तो वो हमेशा ही मुस्लिम विरोधी बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं. एक बार उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें अनुमति मिले तो वो देश के सभी मस्जिदों के अंदर गौरी-गणेश की मूर्ति स्थापित करवा देंगे.

वहीं मुस्लिमों की जनसंख्या पर उन्होंने कहा था 'मुस्लिमों की जनसंख्या तेजी से बढ़ना खतरनाक रुझान है, ये एक चिंता का विषय है, इस पर केंद्र सरकार को कदम उठाते हुए मुसलमानों की आबादी को कम करने की कोशिश करनी चाहिए.' अब योगी या ये बदला रूप उनके समर्थकों को रास नहीं आ रहा है. जिसके कारण उन्हें ट्रोल किया जा रहा है.

 


 

 

 

 

कौन थे हजरत अली

हजरत मुहम्मद की मृत्यु के बाद जिन लोगों ने अपनी भावना से हज़रत अली को अपना इमाम (धर्मगुरु) और ख़लीफा (नेता) चुना वो लोग शिया कहलाते हैं.

शिया विचारधारा के अनुसार हज़रत अली, जो मुहम्मद साहब के चचेरे भाई और दामाद दोनों थे, वही हजरत मुहम्मद के उत्तराधिकारी थे. उनके मुताबिक हजरत अली को ही पहला ख़लीफ़ा (राजनैतिक प्रमुख) बनना चाहिए था. हालंकि ऐसा हुआ नहीं और उन्हें तीन और लोगों के बाद ख़लीफा, यानि प्रधान नेता बनाया गया.

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सुन्नी विचारधारा के मुताबिक, हज़रत अली से पहले तीन खलीफ़ा (हज़रत अबु बक़र, हज़रत उमर, हज़रत उस्मान) हज़रत अली चौथे खलीफा हैं. सुन्नी मुस्लिम अली को (चौथा) ख़लीफ़ा मानते है.

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