पिछले कई सालों में यह पहला मौका है जब कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश की इफ्तार पार्टी को रद्द कर दिया, वह भी बिना कोई कारण बताए. पार्टी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर सिर्फ इतना कहा कि अपरिहार्य कारणों से यह इफ्तार पार्टी नहीं होगी.
लखनऊ के होटल क्लार्क में 22 जून को इफ्तार पार्टी रखी गई थी, लेकिन 20 जून की शाम को ही इसे चुपचाप कैंसिल कर दिया गया. अब पार्टी के भीतर से लेकर मुस्लिम उलेमाओं तक में यूपी कांग्रेस की इस इफ्तार पार्टी के रद्द होने की खासी चर्चा है.
पार्टी के भीतर भी जितने मुंह उतनी बातें हो रही हैं. कुछ नेताओं के मुताबिक पार्टी इसे होटल में नहीं करना चाहती थी, बल्कि झुग्गी झोपड़ी में इफ्तार पार्टी रखना चाहती थी. इसी वजह से इसे कैंसिल किया गया. वहीं, कुछ पार्टी प्रवक्ता यह कह रहे हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में गुलाम नबी आजाद और राज बब्बर के व्यस्त रहने की वजह से यह इफ्तार पार्टी रद्द की गई है.
बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर की तरफ से करीब 500 लोगों को इफ्तार के दावत का निमंत्रण भेजा जा चुका था, होटल क्लार्क का मैदान बुक किया जा चुका था और पार्टी के लिए मेन्यू भी तैयार था, लेकिन बिना किसी वजह के इफ्तार के रद्द किए जाने की असली वजह कोई नहीं बता पा रहा. चर्चा यह भी है कि पार्टी ज्यादा प्रो मुस्लिम दिखने से बचना चाहती है.
कांग्रेस पार्टी तो इस मामले में संभलकर बोल रही है, लेकिन मुस्लिम उलेमाओं ने इस तरीके से अफ्तार पार्टी को रद्द करने पर उंगली जरूर उठाई है. फिरंगी महली और यासूब अब्बास ने कहा कि इफ्तार पार्टी देना या नहीं देना यह किसी का अपना अधिकार है लेकिन आमंत्रित करके रद्द नहीं किया जाना चाहिए था.