उत्तर प्रदेश में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर तैनाती को लेकर एक बार फिर से पार्टी में असमंजस की स्थिति बन गई है. कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू को यूपी प्रदेश अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा था. इसके लिए प्रियंका गांधी की ओर से भी उन्हें हरी झंडी मिल गई थी. महज औपचारिक घोषणा होना बाकी थी, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने अपनी दावेदारी ठोककर इस मामले में ट्विस्ट ला दिया है.
सूत्रों के मुताबिक, जितिन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने की पेशकश कर दी है, जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने अजय कुमार लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के फैसले पर फिर से विचार करने का निर्णय किया है. लिहाजा प्रदेश अध्यक्ष को लेकर मामला अधर में लटक गया है. ऐसे में सूबे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा के लिए अब कुछ समय और इंतजार करना पड़ सकता है.
बता दें कि अजय कुमार लल्लू कांग्रेस के पूर्वी यूपी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बेहद करीबी माने जाते हैं. वह प्रियंका के हर यूपी दौरे में साथ नजर आते हैं. अजय कुमार की जमीनी और संघर्षशील कार्यशैली को लेकर प्रियंका गांधी काफी प्रभावित भी हैं. इसलिए उनकी प्रदेश अध्यक्ष पर ताजपोशी करीब-करीब तय हो चुकी थी लेकिन इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने अपनी दावेदारी पेश कर दी है. इसी के चलते उनके नाम पर मुहर नहीं लग सकी.
हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले जितिन प्रसाद को प्रदेश अध्यक्ष बनने की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था. उस दौरान यह भी खबर आई थी कि जितिन प्रसाद शायद बीजेपी में जा सकते हैं, लेकिन उन्होंने बीजेपी में शामिल होने की खबरों से इनकार कर दिया था.
2019 का लोकसभा चुनाव हारने के बाद जितिन प्रसाद अपने राजनीतिक वर्चस्व को बनाए रखने की कोशिश में हैं. ऐसे में जितिन प्रसाद ने प्रदेश अध्यक्ष बनने की अपनी मंशा पार्टी आलाकमान को बता दी है. ऐसे में पार्टी भी उनके नाम पर लगभग तैयार दिखती है.
दरअसल जितिन प्रसाद ब्राह्मण समुदाय से आते हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समीकरण साधने के लिहाज से भी वह फिट बैठ सकते हैं. ब्राह्मण समुदाय एक दौर में कांग्रेस का परंपरागत वोटर माना जाता था, लेकिन फिलहाल वह बीजेपी के साथ जुड़ गया है.