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देवरिया कांड पर खुलासा, 1 साल पहले ही रद्द हो गई थी शेल्टर होम की मान्यता

नारी संरक्षण गृह से छुड़ाई गईं बच्चियों ने दर्दनाक आपबीती सुनाई है. उन्होंने खुलासा किया है कि किस तरह हर रोज वहां गाड़ियों से लोग आते थे और बच्चियों को अपने साथ ले जाते थे. इसके बाद सुबह सुबह वो रोती हुई आती थीं.

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देवरिया नारी संरक्षण गृह में देह व्यापार का खुलासा
देवरिया नारी संरक्षण गृह में देह व्यापार का खुलासा

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उत्तर प्रदेश के देवरिया में नारी संरक्षण गृह से जो चीख-पुकार निकली, उसके बाद अब जुल्मो-सितम और अवैध धंधे के नए प्रमाणपत्र सामने आ रहे हैं. इस नारी संरक्षण गृह में न सिर्फ लड़कियों को जबरन देह व्यापार में लगाया गया, बल्कि ये पूरा संस्थान ही अवैध रूप से चल रहा था.

दरअसल, इस संस्थान की जांच में अनियमितता पाई गई थी. जिसके बाद पिछले साल इसकी मान्यता रद कर दी गई. देवरिया के डीपीओ ने बताया कि मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाजिक सेवा संस्थान द्वारा संचालित नारी संरक्षण गृह में पहले भी अनिमियतता पाई गई थी, उसके आधार पर इनकी मान्यता स्थगित कर दी गई थी.

शासन से ये आदेश भी हुआ था कि सभी बच्चों को यहां से ट्रांसफर कर दिया जाए. इस आदेश के बावजूद संस्थान में लड़कियों को जबरन रखा गया. यहां तक कि संस्थान में रजिस्टर्ड बच्चियों का सही रिकॉर्ड तक नहीं है.

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लड़कियां कहती थीं बड़ी मम्मी

महिला प्रशिक्षण संस्थान चलाने वाली गिरजा त्रिपाठी को बच्चियां बड़ी मम्मी कहती थीं और बड़ी मम्मी ममता को कलंकित करते हुए इन बच्चियों से धंधा करवाती थी. कभी देवरिया तो कभी गोरखपुर में अय्याशों की हवस मिटाने के लिए ये बच्चियां भेजी जाती थीं.

यहां से एक बच्ची जुल्म की जंजीरें तोड़कर भाग निकली और किसी तरह वो महिला थाने पहुंच गई. पुलिस को जब उसने आपबीती सुनाई तो उसकी नींद खुली. थानेदार ने एसपी को फोन किया और फिर पुलिस फोर्स फौरन संस्थान के लिए कूच कर गई. संस्थान पर छापा मारा गया और 24 लड़कियों को पुलिस ने इस संस्थान के नरक से छुड़ा लिया.

पुलिस ने बताया कि संरक्षण गृह की सूची में 42 लड़कियों के नाम दर्ज हैं, लेकिन छापे में मौके पर केवल 24 मिलीं. बाकी 18 लड़कियों का पता लगाया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि बिहार के बेतिया जिले की 10 साल की बच्ची रविवार देर शाम किसी तरह संरक्षण गृह से निकलकर महिला थाने पहुंची. वहां उसने संरक्षण गृह की अनियमितताओं के बारे में जानकारी दी. बच्ची के मुताबिक, वहां शाम चार बजे के बाद रोजाना कई लोग काले और सफेद रंग की कारों से आते थे और मैडम के साथ लड़कियों को लेकर जाते थे, वे देर रात रोते हुए लौटती थीं. संरक्षण गृह में भी गलत काम होता है.

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संचालिका गिरफ्तार

एसपी ने बताया कि संचालिका गिरिजा त्रिपाठी और उनके पति मोहन इनके बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं. ऐसे में दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में मानव तस्करी, देह व्यापार व बाल श्रम से जुड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

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