scorecardresearch
 

12 साल पुराने मामले में केशव प्रसाद मौर्य को राहत, सरकार ने वापस लिया मुकदमा

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ चल रहे एक मुकदमे को वापस ले लिया गया है. घटना 25 नवंबर 2007 की कीडगंज थाने की है. कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट ग्रेड की परीक्षा केवीएम कॉलेज नई बस्ती कीडगंज में थी. आरोप के मुताबिक केशव प्रसाद मौर्य ने परीक्षा केंद्र में घुसकर एक अभ्यर्थी को जबरन प्रवेश दिलाने के लिए गालीगलौज की थी.

Advertisement
X
केशव प्रसाद मौर्य (फाइल फोटो)
केशव प्रसाद मौर्य (फाइल फोटो)

Advertisement

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ चल रहा एक मुकदमा शासन ने वापस ले लिया है. यह मुकदमा एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने समाप्त कर दिया है. केशव प्रसाद मौर्य पर परीक्षा केंद्र में घुसकर गालीगलौज करने के आरोप में दाखिल मुकदमा इलाहाबाद की स्पेशल कोर्ट में चल रहा था. शासन ने मुकदमा वापस लिए जाने का निर्देश अभियोजन को दिया था.

मुकदमा खत्म होने के साथ ही केशव प्रसाद मौर्य की मुश्किलें भी खत्म हो गई हैं. इस मामले मे कोर्ट ने अभियोजन की ओर से दाखिल मुकदमा वापस लिए जाने की अर्जी मंजूर कर ली है. यह आदेश स्पेशल कोर्ट के जज पवन कुमार तिवारी ने एसपीओ राधा कृष्ण मिश्र, एडीजीसी राजेश गुप्ता और बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुंज बिहारी मिश्र को सुनकर दिया है.

दरअसल, घटना 25 नवंबर 2007 की कीडगंज थाने की है. कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट ग्रेड की परीक्षा केवीएम कॉलेज नई बस्ती कीडगंज में थी. आरोप के मुताबिक केशव प्रसाद मौर्य ने परीक्षा केंद्र में घुसकर एक अभ्यर्थी को जबरन प्रवेश दिलाने के लिए गालीगलौज की थी. उस वक्त अनुसचिव रहे अरुण कुमार राय के निर्देश पर डीएम ने 24 सितंबर 2018 को लोक अभियोजक को मुकदमा वापस लिए जाने का आदेश दिया था.

Advertisement

इस मामले मे अभियोजन ने जनहित में मुकदमा वापस लिए जाने की अर्जी स्पेशल कोर्ट में देकर कहा कि जनता का कोई व्यक्ति प्रभावित पक्षकार नहीं है. किसी भी व्यक्ति को कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचा है और न ही सरकारी या निजी संपत्ति को कोई क्षति हुई है. लिहाजा इस मुकदमे को चलाए रखने का कोई औचित्य नहीं है.

Advertisement
Advertisement