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UP Election: बीजेपी के लिए योगी कैसे साबित हुए 'UPYOGI', जानिए पांच बड़े कारण

यूपी चुनाव में प्रचंड जीत दर्ज करने वाली बीजेपी के लिए सीएम योगी का चेहरा काफी निर्णायक साबित हो गया है. पीएम मोदी ने उन्हें जो 'UPYOGI' बताया था, जमीन पर उसका असर साफ देखने को मिल गया.

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सीएम योगी आदित्यनाथ ( पीटीआई)
सीएम योगी आदित्यनाथ ( पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • जमीन पर चला योगी का जादू, उनकी छवि पर वोट
  • बुलडोजर पॉलिटिक्स काम आई, बीजेपी को फायदा

उत्तर प्रदेश की जनता ने अपना जनादेश दे दिया है. एक बार फिर योगी सरकार की सत्ता में वापसी हुई है. बहुमत भी ऐसा मिला है कि एक मजबूत सरकार बनने जा रही है. 37 साल बाद यूपी की राजनीति में ऐसा अध्याय आ गया है जब कोई पार्टी दोबारा जीतकर सत्ता में आई है. बीजेपी की इस ऐतिहासिक जीत में सीएम योगी की अहम भूमिका मानी जा रही है. उनका चेहरा इस चुनाव में काफी निर्णायक रहा, उनकी नीतियां भी जमीन पर लोगों में विश्वास पैदा करती दिख गईं. इसी वजह से पीएम मोदी ने भी उन्हें यूपी के लिए बहुत 'UPYOGI' बताया था.

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अब जब चुनाव के नतीजे स्पष्ट हो चुके हैं, ऐसे में ये जानना चाहिए आखिर यूपी में बीजेपी के लिए सीएम योगी कैसे इतने 'UPYOGI' साबित हो गए? वो कौन से फैक्टर रहे जिन्होंने बीजेपी की सूबे में एकतरफा जीत की कहानी लिख दी?

1. बुलडोजर पॉलिटिक्स

यूपी में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत में बुलडोजर पॉलिटिक्स. जीत का जश्न भी जो मनाया जा रहा है, उसमें भी बुलडोजर बाबा की जीत बताई गई. सीएम योगी की बुलडोजर पॉलिटिक्स ने जमीन पर बीजेपी को जबरदस्त फायदा पहुंचाया है. जब 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनी थी और योगी को मुख्यमंत्री बनाया गया, तब उन्होंने साफ कहा था कि माफियाओं का सफाया किया जाएगा. बाहुबलियों की अवैध प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चले. मुख्तार अंसारी से लेकर अतीक अहमद तक की प्रॉपर्टी निशाने पर रही. बीजेपी ने इस बुलडोजर पॉलिटिक्स को सीधे कानून व्यवस्था से जोड़ दिया. ऐसे में अब नतीजों में भी इस बुलडोजर पॉलिटिक्स का असर साफ देखने को मिल गया है. 

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2. मजबूत प्रशासन, तेज फैसले

यूपी में जब साल 2017 में बीजेपी की सरकार बनी थी, तब योगी सीएम बने. पिछले पांच साल में सीएम योगी ने यूपी की जनता के सामने वो मॉडल रख दिया जिसके दम पर हर किसी ने उन्हें एक मजबूत प्रशासक के तौर पर देखा. कहने को उनके कार्यकाल में कई बड़ी चुनौतियां आईं, सबसे बड़ी कोरोना महामारी ही रही. लेकिन 'Crisis Management' सीएम योगी का काफी मजबूत रहा. दूसरे राज्यों में जब कई यूपी के मजदूर फंसे तो उन्हें सुरक्षित वापस लाया गया. प्रवासी मजदूरों को लघु और छोटे उद्योगों में नौकरी देकर रोजगार से जोड़ा. इसके अलावा सीएम योगी ने अपनी छवि एक मजबूत प्रशासक के तौर पर स्थापित की, जो फैसले तेज और सख्ती से ले सकते हैं. 

3. ईमानदार छवि

पीएम नरेंद्र मोदी जब से देश के प्रधानमंत्री बने हैं, उनकी खुद की लोकप्रियता में कभी ज्यादा गिरावट देखने को नहीं मिली. उनकी छवि भी बेदाग ही रही. इसका उन्हें चुनाव के दौरान फायदा भी हुआ है. अब सीएम योगी के साथ भी ऐसा ही होता दिख रहा है. जमीन पर लोग एक बार के लिए बीजेपी कार्यकर्ता को भ्रष्टाचारी बता सकते हैं, कुछ विधायक पर भी आरोप लग सकते हैं, लेकिन सीएम योगी अभी तक इन तमाम विवादों से दूर रहे हैं. उनकी खुद की छवि साफ रही और इसका फायदा बीजेपी को इस चुनाव में साफ देखने को मिल गया है. प्रचार के दौरान जिस ईमानदार सरकार की बात कही जा रही थी, उसमें सबसे बड़ा फैक्टर खुद सीएम योगी का ही रहा.

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खुद को संन्यासी बताना, परिवारवाद से दूर रहना, ये तमाम उनकी शख्सियत के ऐसे पहलू हैं जिससे जनता सीधे तौर पर प्रभावित हुई है. जब सीएम योगी ईमानदार सरकार की बात करते हैं, लोगों को उस पर विश्वास होता है. अब जब बीजेपी की फिर सरकार बन गई है, सीएम योगी और उनकी ईमानदार छवि ने एक बड़ी भूमिका निभाई है.

4. 80 बनाम 20, हिंदुत्व फैक्टर

सीएम योगी ने अपनी नीतियों और योजनाओं से जमीन पर बीजेपी की स्थिति को मजबूत करने का काम किया है. उनकी राजनीति ने भी पार्टी को इस चुनाव में जबरदस्त फायदा पहुंचाया है. मुख्यमंत्री बनने से पहले तक सीएम योगी की एक हिंदुत्व वाली छवि थी. उन्हें बीजेपी का फायर ब्रैंड नेता माना जाता था और मुख्यमंत्री बनने के बाद भी खुद को उस छवि से कभी अलग नहीं किया. उन्होंने अपने कार्यकाल में हर दीपावली को खास बनाया, अयोध्या में दीपोत्सव किया, कावड़ यात्रियों के लिए खास इंतजाम किए और समय-समय पर राम मंदिर की बात कर अपने 'हिंदू वोट बैंक' को खुश किया. वहीं, चुनाव में 80 बनाम 20 का मुद्दा भी छेड़ दिया. सीएम योगी जरूर इसे दूसरे परिपेक्ष में रखते रहे, लेकिन जिसको जो संदेश जाना था, वो समय रहते दे दिया गया. हिंदुत्व के एजेंडे पर हिंदुओं को लामबंद किया गया और सीधा फायदा पार्टी को कई सीटों पर होता दिख गया है.

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5. पुलिस एनकाउंटर और कानून व्यवस्था

यूपी चुनाव में इस बार बीजेपी ने कानून व्यवस्था को भी एक बड़ा मुद्दा बनाया. वो मुद्दा भी इसलिए ज्यादा बड़ा बना क्योंकि सीएम योगी ने अपनी एक ऐसी छवि प्रोजेक्ट कर दी थी कि वे किसी भी कीमत पर अराजकता फैलने नहीं देंगे. पांच साल के कार्यकाल में पुलिस एनकाउंटर में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली. विपक्ष और कुछ सामाजिक संस्थाओं ने जरूर इसे बड़ा मुद्दा बनाया, लेकिन बीजेपी और सीएम योगी ने इसे हमेशा अपनी सरकार की एक कामयाबी माना. पुलिस एनकाउंटर को इस परिपेक्ष में दिखाया गया कि अगर जुर्म करोगे तो या तो जेल में होगे या फिर एनकाउंटर का शिकार बनोगे. प्रचार के दौरान सीएम योगी ने इन एनकाउंटर का तो जिक्र किया और सपा के कार्यकाल का भय दिखाते रहे. ऐसे में दिख रहा है कि कानून व्यवस्था के नाम पर बीजेपी को भारी वोट पड़े हैं और इसका सबसे ज्यादा क्रेडिट सीएम योगी की कार्यशैली को दिया जा रहा है.

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