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8 महीने बाद विधानसभा चुनावों के लिए तैयार उत्तर प्रदेश (UP Election) के 75 जिलों में गुरुवार को ब्लॉक प्रमुख (Block Pramukh) के इलेक्शन की नामांकन प्रक्रिया शुरु हुई, जिसमें 15 से ज्यादा जिलों में गोली चलने, बम चलने, मारपीट की हिंसक (Violence) घटनाएं सामने आई है. आरोप है पुलिस (UP Police) ज्यादातर जगहों पर कार्रवाई कम करती दिखी, मूकदर्शक बनी अधिक नजर आई.
दरअसल, दुनिया में लोकतंत्र के पैमाने पर 167 देशों के बीच 53वें नंबर पर खड़े हिंदुस्तान के सबसे बड़े राजनीतिक प्रदेश उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख की चुनावी प्रक्रिया में गोली चलती है, बम फूटते हैं. वर्चस्व की ऐसी जंग, जहां सीतापुर में पुलिस की मौजूदगी में दो पक्ष के समर्थकों के बीच पहले झड़प होती दिखती है, फिर गोली चल जाती है. सीतापुर में पुलिस थोड़ा हिम्मत दिखाकर लाठी पटकती है, तब तक इतनी गोली-देसी बम चलने लगते हैं कि पुलिसवाले ही अपनी जान बचाने लगते हैं.
फतेहपुर
सिर्फ सीतापुर ही नहीं, उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पुलिस तमाशबीन नजर आई. यूपी के फतेहपुर में बीजेपी के समर्थक, विरोधी उम्मीदवार के प्रस्ताव को पुलिस के सामने ही खींचकर बाहर ले जाना चाहते थे. पुलिस खड़ी रही, विरोधी समर्थक को छुड़वाती रही, लेकिन खींचने वाले को ऐसे जाने दी, जैसे उसे गुंडई की छूट थी. पुलिस के सामने टहलते हुए जाता शख्स असलहा यानी पिस्टल रखे हुए था.
लखीमपुर खीरी
लखीमपुर के पलिया ब्लॉक में कांग्रेस के प्रत्याशी और प्रस्ताव को तो पुलिस की ठीक नाक के नीचे से आरोप है कि बीजेपी के समर्थक खींचकर ले जाने लगते हैं. पुलिस इसके बाद लाठी फटकाती है. दौड़ाती है, लेकिन किसी को पकड़ती नहीं, उपद्रव करने वाले भाग जाते हैं. लखीमपुर के एक दूसरे विकासखंड में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार के नामांकन में प्रस्तावक महिला के कपड़े तक विरोधी खींचने लगते हैं.
ललितपुर
उत्तर प्रदेश के ललितपुर में जैसे ही विरोधी दल का उम्मीदवार नामांकन करने को आगे बढ़ता है, नॉमिनेशन करने से रोकने की कोशिश होती है. निर्दलीय प्रत्याशी का पर्चा छीनने का आरोप बीजेपी समर्थकों पर लगता है. हालांकि, पुलिस के अफसर दलील देते हैं कि सुरक्षा व्यवस्था सख्त है और पुलिस दोषियों पर कार्रवाई करेगी.
झांसी
झांसी में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में एसपी और बीजेपी समर्थकों के बीच पत्थर चलने लगे तो तो हालत ये हो गए कि महिला प्रत्याशी को समर्थक सुरक्षा घेरे में नामांकन भराने को ले जाते दिखे.
एटा
इसके अलावा बस्ती में लाठीचार्ज करना पड़ता है. एटा में पत्थरबाजी की नौबत आई. चुनाव जीतने के नाम पर कानून का माखौल उड़ाने वाले उपद्रवही इतने बेखौफ हो जाते हैं कि एटा के मारहरा ब्लॉक पर नामांकन के दौरान जमकर पथराव करते हैं. आरोप है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को नामांकन नहीं करने दिया. दोनों पक्ष भिड़ गए. पुलिस के सामने जमकर पत्थरबाजी में आजतक संवाददाता जख्मी हो जाते हैं.
महराजगंज
महराजगंज जिले के सदर ब्लाक में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर ड़िला निवासी जयप्रकाश उर्फ साधु गुप्ता ने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. जैसे ही प्रतिद्वंदी अनीता पत्नी जयप्रकाश नामांकन करने ब्लाक गेट पर पहुंची वैसे ही हंगामा शुरू हो गया, लेकिन धक्का-मुक्की व हंगामा पर विरोधी भाजपा समर्थकों पर भारी पड़े.
सिद्धार्थनगर
सिद्धार्थनगर जिले के इटवा ब्लॉक पर नामांकन के दौरान जमकर हंगामा हुआ. प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय अपनी पत्नी फूलमति पांडेय का नामांकन करने पहुंचे थे, लेकिन कुछ अराजक तत्वों ने उनसे पर्चा छीन कर फाड़ दिया. आरोप बीजेपी नेताओं पर लगा. पूर्व स्पीकर माता प्रसाद पांडेय के समर्थकों पर पथराव की भी खबर है.
गोरखपुर
गोरखपुर में बीजेपी प्रत्याशी की कार पर हमला करने का आरोप समाजवादी समर्थकों पर लगता है. समर्थकों को अगवा करने, पर्चा फाड़ने, गोली चलाकर रोकने, बम चलाकर दौड़ाने, प्रतिद्वंदी को नामांकन करने से रोकने की इन्हीं तस्वीरों के बीच यूपी में होता ब्लॉक प्रमुख का चुनाव ये सवाल पूछने को मजबूर करता है कि निर्वाचन आयोग कहां है?
(रिपोर्ट- आजतक ब्यूरो)