बुधवार का दिन यूपी की सियासत के लिहाज से कई नाटकीय मोड़ लाने वाला साबित हुआ. बसपा नेता जितेंद्र सिंह बबलू ने चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. उनका बीजेपी ज्वाइन करना इसलिए मायने रखता है क्योंकि ये वहीं नेता हैं जो रीता बहुगुणा जोशी का घर जलाने वाले कांड में आरोपी हैं.
नाराज हुईं रीता बहुगुणा जोशी
ऐसे में अब उनके पार्टी में शामिल होते ही रीता बहुगुणा जोशी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आ गई है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि बीजेपी ज्वाइन करने से पहले जितेंद्र ने कई तथ्य छिपाएं हैं और वे इस सिलसिले में अब जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव से बात करने जा रही हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि साल 2009 में रीता बहुगुणा जोशी के घर को जलाने का प्रयास किया गया था. उस समय वे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हुआ करती थीं. उस कांड में पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू और बसपा नेता इंतजार अहमद आब्दी उर्फ बॉबी समेत कई लोगों के नाम सामने आए थे. ऐसे में अब जब जितेंद्र ने बसपा छोड़ बीजेपी का दामन थामा है, तो रीता को वो घटना भी याद आ रही है और वे हाईकमान से नाराज भी दिखाई पड़ रही हैं.
किस बात पर नाराजगी?
अभी के लिए वे बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस सिलसिले में बात करने जा रही हैं. उनकी पूरी कोशिश है कि उनके विरोध के बाद जितेंद्र सिंह बबलू का पत्ता काट दिया जाए. वैसे बुधवार को जितेंद्र के अलावा BSP के दो, कांग्रेस के एक नेता ने भी बीजेपी ज्वाइन की है. पंकज मोहन सोनकर (कांग्रेस), श्याम शंकर तिवारी, मनोज शर्मा (बीएसपी), प्रवेश सिंह (बीएसपी) और बीना लवानिया (समाज सेविका) बीजेपी में शामिल हुए हैं.
राजनीतिक प्रतिक्रिया आनी हुईं शुरू
इस विवाद पर अब राजनीतिक टिप्पणियां भी आनी शुरू हो गई हैं. सुनील सिंह साजन ने योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि,योगी जी आप तो जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं, अपराधियों के घर गिराने उस पर जेसीबी चलाने की बात करते हैं, लेकिन यह अपराधी आप का मिशन पूरा करने के लिए आ रहे हैं तो आप इनका वेलकम कर रहे हैं,आपकी भारतीय जनता पार्टी ऐसा दोहरा चरित्र कहां से लाती है. इनके दौरे चरित्र को अब यूपी की जनता जान चुकी है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत का भी बयान सामने आया है. उन्होंने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए बताया कि भारतीय जनता पार्टी में कोई भी शामिल हो जाए तो वह कमल छाप साबुन से धुल करके,संत-महंत बन जाता है.चाहे वह रीता जोशी के घर जलाने का आरोपी हों,या अपनी पत्नी की हत्या के आरोपी हों या फिर नारदा शारदा स्कैम के आरोपी हों,सब के सब जब भाजपा में चले जाते हैं तो कहीं ना कहीं संत महंत बन जाते हैं.
ओमप्रकाश राजभर ने बदले समीकरण
वैसे चुनाव से ठीक पहले अभी बीजेपी में बैठकों का दौर तो चल ही रहा है, कई पुराने मित्रों संग भी फिर बातचीत शुरू हुई है. हाल ही में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव से मुलाकात की थी. ओमप्रकाश की तरफ से उसे सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट बताया गया, लेकिन इशारों-इशारों में वे अपनी पुरानी मांगे दोहरा गए. उन्होंने कहा कि मेरी बीजेपी से जो लड़ाई है वो देश में पिछड़ी जाति के जातिवार जनगणना जो हो रही है उसको लेकर है. साथ ही एक समान शिक्षा और मुफ्त शिक्षा गरीब और कमजोर लोगों को दिलाई जाए.