Congress Seats in UP Elections: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों से कांग्रेस को करारा झटका लगा है. पार्टी को सिर्फ दो सीटों पर ही जीत मिल सकी. यूपी विधानसभा चुनावों के इतिहास में कांग्रेस का यह सबसे खराब प्रदर्शन है. इस विधानसभा चुनाव के लिए प्रदेश में खुद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मैदान में उतरीं, लेकिन उन्हें जैसे प्रदर्शन की उम्मीद थी, वैसा नहीं हो सका. बीते दिन सामने चुनावी नतीजों में कांग्रेस की ओर से सिर्फ अराधना मिश्रा 'मोना' रामपुर खास से और महराजगंज के फरेंदा से वीरेंद्र चौधरी को ही जीत मिल सकी. कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन करने वालों में राष्ट्रीय लोक दल, निषाद पार्टी आदि शामिल रहे. पश्चिमी यूपी में चुनाव लड़ने वाले आरएलडी ने आठ तो निषाद पार्टी ने छह सीटें जीतीं.
कांग्रेस का इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन
लंबे समय के बाद यूपी में कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा. शुरुआती समय में जरूर प्रियंका गांधी गठबंधन के लिए सहमत दिखीं, लेकिन आखिरकार चुनावी मैदान में अकेले उतरने का फैसला किया, लेकिन फिर भी कोई फायदा नहीं हुआ. इस बार पार्टी को दो सीटों पर मिली जीत इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन है. इसके पहले, साल 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को सात सीटों से संतोष करना पड़ा था. पिछला यूपी चुनाव कांग्रेस और सपा ने मिलकर लड़ा था, लेकिन इसके बावजूद भी पार्टी कोई कमाल नहीं दिखा सकी.
साल 1951 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बंपर जीत हासिल की थी. तब पार्टी को 388 सीटें मिलीं. इसके बाद दूसरे विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 286 सीटों पर कब्जा किया. बाद में 1980 में पार्टी को 309 और 1985 में 269 सीटें मिलीं. साल 1991 में हुए विधानसभा चुनाव से कांग्रेस 50 का आंकड़ा नहीं पार कर पाई है. ऐसे में इस बार के नतीजे पार्टी के लिए सबसे खराब साबित हुए.
चुनावी मैदान में उतरीं प्रियंका, नहीं चला जादू
साल 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए पूरी तरह से प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में लड़ा गया. कई महीनों तक प्रियंका ने खुद को प्रदेश की राजनीति में झोंक दिया और विपक्ष की ओर से सशक्त आवाज बन गईं. उन्होंने हाथरस, लखीमपुर, उन्नाव आदि जैसे मुद्दे उठाकर यूपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. लखीमपुर खीरी में हुए तिकुनिया कांड के बाद वह देर रात ही लखनऊ से लखीमपुर रवाना हो गईं, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार तक कर लिया गया. प्रियंका लगातार दावे करती रहीं कि जब भी प्रदेश में कोई बड़ा मुद्दा उठाया तो वह उनके व उनकी पार्टी द्वारा ही उठाया गया. प्रियंका ने यह भी कहा कि यूपी में उनकी लड़ाई लंबे समय के लिए है.
मणिपुर से भी खराब रहा कांग्रेस का यूपी में प्रदर्शन
जिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए, उनमें मणिपुर भी शामिल है. जहां यूपी में 403 सीटों में पार्टी को दो सीटों पर जीत मिली तो मणिपुर में पांच सीटें जीतने में कामयाब हो सकी. ऐसे में कांग्रेस का यूपी में प्रदर्शन मणिपुर के मुकाबले भी काफी खराब रहा. मणिपुर में एक बार फिर से बीजेपी ने वापसी की है. पार्टी को 32 सीटों पर जीत मिली है.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तक हार गए चुनाव
यूपी के जरिए से राष्ट्रीय राजनीति में वापस आने की कोशिश कर रही कांग्रेस को नतीजों से झटका लगा. यूपी चुनाव के ऐन वक्त पहले कई नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया तो चुनावी नतीजों में उनके प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तक चुनाव हार गए. निषाद गठबंधन के डॉ. असीम कुमार ने 114957 मत हासिल करते हुए समाजवादी पार्टी के उदय नारायण गुप्ता को हरा दिया. अजय कुमार लल्लू तमकुहीराज सीट से तीसरे नंबर पर रहे. पिछले चुनाव में अजय कुमार ने इस सीट से जीत दर्ज की थी.