एक तरफ जहां यादव परिवार में गम का माहौल है वहीं मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) के घर जीत का जश्न मनाया जा रहा है. राजनीति की ये तस्वीर बेहद अजब है जहां यादव परिवार में ही एक तरफ जहां मायूसी छाई है और सन्नाटा पसरा है तो दूसरी तरफ जश्न का शोर है. ऐसे में अपर्णा यादव ने कहा कि तुष्टिकरण और जातिवाद के नाम पर राजनीति करने वाले आज कहां हैं? देख लीजिए.
अपर्णा ने बताया कि हिंदू परंपरा में जीत के बाद विजय टीका लगाया जाता है, बेटी ने कल सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को टीका लगाया, उन्हें जीत की बधाई दी, मुख्यमंत्री बहुत खुश थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी (BJP) के साथ हिंदू-मुस्लिम-सिख-ईसाई सब भाजपाई हो गए, काम का असर वोट में दिखा. उन्होंने कहा कि मैंने भी बीजेपी के पक्ष में प्रचार किया. मैं भी बुजुर्गों, महिलाओं से सरकार के काम को पहुंचाने का जरिया बनी.
वहीं राज्य में अखिलेश यादव की हार पर बात करते हुए अपर्णा ने कहा कि अखिलेश यादव पर कुछ नहीं कहूंगी. अपनी हार के लिए वह खुद चिंतन करें. मेरे लिए मेरी पार्टी की जीत और उसका काम जरूरी है. उन्होंने कहा कि मैं कल भी यादव परिवार की बहू थी, आज भी हूं और आगे भी परिवार की बहू रहूंगी, लेकिन राष्ट्रवाद के लिए काम करती रहूंगी.
इसके अलावा पार्टी में उनकी नई भूमिका को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि मेरी भूमिका के लिए पार्टी की इच्छा जरूरी है. जो भूमिका वो तय करेंगे, उसे पूरी तरह से पूरी करूंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं गौ सेवा संरक्षण के लिए हमेशा से काम कर रही हूं.
बता दें कि नतीजों के दिन दस मार्च को अपर्णा यादव के घर के बाहर कोई भगवान राम का वेष धारण कर पहुंचा है तो कोई हनुमान का. इससे पहले राजधानी लखनऊ में चुनाव नतीजों के रुझान आने और बीजेपी के बड़ी बढ़त बना लेने के बाद कार्यकर्ता विधानसभा के सामने बुलडोजर लेकर पहुंचे और बुलडोजर बाबा की जय के नारे भी लगाए. बीजेपी के कार्यकर्ता बुलडोजर पर झूमते नजर आए थे. इस दौरान जब बीजेपी कार्यकर्ता सपा कार्यालय के सामने से गुजर रहे थे, उनकी सुरक्षा गार्ड्स से धक्का-मुक्की भी हुई.