समाजवादी पार्टी में चल रहे घमासान के अंत के बाद अब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ध्यान पूरी तरह से चुनाव के जीतने पर है. यही वजह है कि जबसे चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी के सिंबल और नाम का असली हकदार उन्हें बताया है तभी से अखिलेश पूरी तरीके से एक्शन में दिख रहे हैं.
समाजवादी पार्टी ने चुनावों में प्रचार के लिए छोटे वाहनों के जरिये लोगों तक अपनी बात पहुंचाने की शुरुआत की है. सपा के इस प्रचार वाहन में नेताजी मुलायम सिंह यादव, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव की तस्वीर दिख रही है. किसी भी वाहन में शिवपाल यादव की तस्वीर नहीं है.
Lucknow: Samajwadi Party's election campaign vehicle for upcoming Uttar Pradesh legislative assembly election pic.twitter.com/6uAfzSKbZH
— ANI UP (@ANINewsUP) January 19, 2017
अखिलेश का पीके फॉर्मूला
अखिलेश यादव ने अपने प्रचार में सभी हाईटेक तरीकों को अपना रहे हैं फिर चाहे वह उनकी हाईटेक बस हो या फिर सोशल मीडिया पर धुंआधार प्रचार लेकिन इस बार अखिलेश के प्रचार में पीके फार्मूला साफ झलक रहा है. बिहार चुनावों में नीतीश कुमार के लिए रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर ने हाईटेक वाहनों की जगह छोटे वाहनों के जरिये प्रचार किया था. अब वही फार्मूला अखिलेश यादव के प्रचार में दिखाई दे रहा है.
पीके के कारण बनी गठबंधन की बात अखिलेश यादव पिछले कुछ समय से लगातार कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात कर रहे हैं. इसकी मुख्य वजह प्रशांत किशोर ही रहे हैं. अखिलेश ने कुछ समय पहले प्रशांत किशोर से मुलाकात भी की थी और अब कांग्रेस और सपा के गठबंधन की बात आखिरी दौर में है.