सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के कई पूर्व मुख्यमंत्री सरकारी बंगला खाली करने की कवायद में जुट गए हैं. एक ओर मुलायम सिंह किराए का बंगला का तलाश रहे हैं तो मायावती भी सरकारी बंगला खाली कर अपने निजी मकान में शिफ्ट होने जा रही हैं.
देश की शीर्ष अदालत के फैसले के बाद तमाम नजरें इस ओर टिकी थी कि बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती क्या करेंगी और कहां शिफ्ट होंगी. इस संबंध में रविवार देर रात लगभग यह साफ हो गया कि मायावती 13 माल रोड छोड़कर पास में ही बने निजी मकान 9 मॉल रोड में शिफ्ट होने जा रही हैं.
अपने मुख्यमंत्रीत्व कार्यकाल के दौरान ही मायावती ने 9 मॉल रोड का यह बंगला खरीदा था और इसे भी उसी लाल पत्थरों से बनवाया था जिस लाल पत्थरों से स्मारक बनवाने के लिए वह जानी जाती हैं.
बताया जा रहा है कि यह बंगला करीब 71 हजार स्क्वायर फीट में फैला है और जिसे मायावती ने मुख्यमंत्री रहते हुए बनवा लिया था, लेकिन वो इसमें रहने की बजाए 13 मॉल रोड वाले सरकारी बंगले में ही रहती थीं जो दो सरकारी बंगलों को जोड़कर बनाया गया. इसे कांशीराम संग्रहालय बनाया गया था जिसके कुछ कमरों में मायावती रहती थीं लेकिन अब कोर्ट के आदेश के बाद वह अपने निजी घर में शिफ्ट होंगी.
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने ऐलान किया है कि वह लखनऊ में अपना सरकारी आवास 4 कालिदास मार्ग खाली कर देंगे. उन्होंने वहां से अपना सामान भी हटाना शुरू कर दिया है. नोटिस के अंदर वह बंगला खाली करने वाले पहले पूर्व मुख्यमंत्री बन सकते हैं. वहीं एक और पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के गवर्नर कल्याण सिंह भी अपना बंगला खाली कर रहे हैं.
दूसरी ओर, मुलायम सिंह यादव भी सरकारी बंगला खाली कर किराए का घर देख रहे हैं. इस संबंध में मुलायम सिंह ने अपने करीबी और पार्टी के कोषाध्यक्ष संजय सेठ के साथ जाकर पिछले हफ्ते कई मकान देखें, लेकिन उन्हें कोई पसंद नहीं आया.
माना जा रहा है कि मुलायम अब अपना मकान बनवा सकते हैं. घर बनने में करीब एक साल का वक्त लग सकता है, ऐसी स्थिति में वह या तो अपने बेटे प्रतीक के घर रहेंगे या फिर किसी किराए के मकान में शिफ्ट होंगे.