यूपी टीकाकरण के मामले में काफी आगे चल रहा है. दावे हो रहे हैं कि देश में सबसे ज्यादा टीके अभी यूपी में ही लगाए जा रहे हैं. अब एक बार के लिए कोरोना के लिहाज से अच्छी खबर है, लेकिन अब कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. कुछ जगहों पर प्रशासन द्वारा मृत लोगों को भी कोरोना का टीका लगाया जा रहा है.
मुर्दों को कैसे लग रही वैक्सीन?
ताजा मामला सीतापुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहां पर दो लोगों को ऐसे ही कोरोना की वैक्सीन लगाने का दावा किया गया है जिनकी मौत कई महीने पहले हो चुकी है. बताया गया है कि प्रशासन ने एक बच्चे के उन माता-पिता को टीका लगा दिया है जिनकी मौत कई महीने पहले हो गई. जानकारी मिली है कि अंगनू की मौत बीते करीब एक वर्ष पहले हुई थी और मां रामदेई की मौत लगभग चार माह पूर्व . लेकिन फिर भी उनके आधार नंबर और नाम के अनुसार कोविड वैक्सिनेशन का सर्टिफिकेट बीते 09 अगस्त 2021 को जारी कर दिया गया है.
लोगों में चर्चा है कि वैक्सिनेशन के आंकड़े बढाने के लिए विभागीय लोगों द्वारा ऐसा खेल खेला जा रहा है. इस संबंध में गड़चपा गांव की पूर्व प्रधान के पति व प्रतिनिधि मुकुंद त्रिवेदी ने बताया कि अंगनू की मृत्यु 27 मई 2020 को हुई थी . जिनका मृत्यु प्रमाणपत्र 15 जून 20 को जारी किया गया था. जबकि उनकी पत्नी रामदेई की मृत्यु लगभग 4 महीने पहले हो चुकी है. लेकिन 9 अगस्त को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रामपुर मथुरा द्वारा न जाने कैसे इन दोनों मृतकों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाकर प्रमाण पत्र जारी कर दिया.
क्या सफाई दी गई?
उधर दूसरी तरफ जिले की सी एम ओ डॉ मधू गौरेला ने इस पूरे मामले में अपने विभाग को पूरी तरह निर्दोष बताया है. आजतक से बातचीत में उन्होंने बताया कि इसमें जरूर कोई व्यक्ति मृतकों का आधार लेकर आया होगा और वैक्सीन लगवा के चला गया. उन्होंने साफ कहा कि इसमें वैक्सीन लगाने वाले व हमारे विभाग की कोई गलती नही है. हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि हम इस खबर के मिलने के बाद हकीकत की पड़ताल के लिए गांव में अपनी टीम भेज रहे हैं.