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उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में आवापा पशुओं का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. आवारा पशुओं को सरकारी भवनों में कैद करने के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं. गुरुवार को ही जनपद के एक गांव में तंग किसानों ने इन आवारा गोवंश को एक सरकारी स्कूल में बंद कर दिया. मौके पर पहुंचे राजस्व विभाग के अमले ने इन पशुओं को आश्रय शाला भिजवाया है. हालांकि, सरकार ने इन आवारा गोवंशों को पशु आश्रय शाला में पहुंचाने का फरमान दिया था, लेकिन उस फरमान के बाद भी ग्रामीणों को इन आवारा गोवंशों से राहत नहीं मिल रही है.
जनपद की तहसील सवायजपुर में थाना पाली के धानी नगला गांव में दर्जनों किसानों ने अन्ना पशुओं के लगातार खेत में जाने के कारण उनको एकत्र करके ग्रामसभा में स्थित एक सरकारी स्कूल में कैद कर दिया और बाहर से स्कूल का गेट बंद कर दिया. किसानों का कहना है कि आवारा पशु मौका पाते ही पूरा का पूरा झुंड बनाकर खेतों में घुसकर फसल को चट जाते हैं, जिससे उनकी गाढ़ी कमाई बर्बाद हो रही है.
इस घटना की जानकारी के बाद सरकारी अमले ने मौके पर पहुंचकर आवारा पशुओं को स्कूल से निकाला और आश्रयशाला भेजा. वहीं, प्रशासन इस मामले में अपनी नाकामी छिपाते हुए इन आवारा गोवंशों को पड़ोसी जिले का बताकर इनसे बदहाल किसानों पर कार्रवाई करने का भी दावा कर रहा है.
किसानों पर होगी कार्रवाई
जनपद की अपर जिलाधिकारी वंदना त्रिपाठी का कहना है कि धानी नगला गांव में सीमावर्ती जनपद से कुछ आवारा पशु घुस आए थे. ग्रामीणों ने उनको पकड़ लिया था और वहां के प्राथमिक विद्यालय में उनको बंद कर दिया था. मामला संज्ञान में आया तो तत्काल ही मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और उप जिला अधिकारी को मौके पर भेजा गया था. जांच के बाद उन पशुओं को बहुत ही सुरक्षित तरीके से हटाते हुए पास की गौशाला में स्थानांतरित कर दिया गया है. साथ ही जिन्होंने इस तरह का काम किया है, उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई करने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं.
महिला अधिकारी के मुताबिक, इस तरह से कार्रवाई नहीं की जा सकती कि आप किसी सरकारी संस्थान में गतिविधियों को बाधित करें. इसमें सुसंगत विधिक कार्रवाई प्रस्तावित की गई है.