उत्तर प्रदेश खाद्य और दवा प्रशासन (एफडीए) ने मंगलवार को कहा कि उसे मदर डेयरी दूध के नमूने में डिटर्जेंट मिला है. हालांकि, दिल्ली स्थित कंपनी ने इस दावे का प्रतिवाद किया है.
यूपी एफडीए, आगरा के अधिकारी रामनरेश यादव ने कहा, 'परिणाम से पता चलता है कि दूध के नमूनों की गुणवत्ता हल्की है और दो में से एक नमूने में डिटर्जेंट पाया गया.' यादव ने बताया कि ये नमूने मदर डेयरी दूध के बाह संग्रह केन्द्र से नवंबर 2014 में लिये गए थे.
उन्होंने कहा, 'इन नमूनों को पहले लखनऊ भेजा गया और बाद में कंपनी की मांग पर इन्हें कोलकाता भेजा गया.' मदर डेयरी ने हालांकि, उसके द्वारा पैकेटों में बेचे जाने वाले दूध में किसी भी तरह की मिलावट से साफ तौर पर इनकार किया है.
दिल्ली में मदर डेयरी के दूध, फल एवं सब्जी विभाग के प्रमुख संदीप घोष ने कहा, 'मदर डेयरी दूध को विभिन्न स्तरों पर जांच के चार स्तरों से गुजरना होता है. दूध प्राप्त होने, प्रसंस्करण, दूध जारी करने और यहां तक कि बाजार के स्तर पर उसकी जांच की जाती है.'
उन्होंने कहा, मदर डेयरी में प्लांट पर पहुंचने वाले दूध के हर टैंकर को 23 तरह की सख्त गुणवत्ता जांच से गुजरना होता है. इन परीक्षणों में दूध में पानी, यूरिया, डिटर्जेंट, तेल आदि सभी तरह की मिलावट की जांच की जाती है.
घोष ने कहा, 'इस तरह की किसी भी मिलावट के होने पर दूध को तुरंत खारिज कर दिया जाता है.' उन्होंने कहा कि मदर डेयरी आकस्मिक अथवा कभी कभी परीक्षण के बजाय 100 प्रतिशत नियमित परीक्षण करती है. मदर डेयरी राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई है.
इनपुट: भाषा