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फिरोजाबाद कैसे बना है रहस्यमय बुखार का एपीसेंटर- तारीखों में समझें खौफनाक मंजर

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बच्चों और बड़ों को जोड़कर 51 मौतें हुई हैं लेकिन गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अकेले फिरोजाबाद में 80 से ज्यादा मौतें हैं जिसमें बच्चों की मौत सर्वाधिक हैं.

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तारीखों से समझिये कैसे फैला ये रहस्यमय बुखार
तारीखों से समझिये कैसे फैला ये रहस्यमय बुखार
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तारीखों से समझिये कैसे फैला ये रहस्यमय बुखार
  • फ़िरोज़ाबाद कैसे बना सबसे बड़ा एपीसेंटर?

फिरोजाबाद में डेंगू और वायरल बुखार से हालात चिंताजनक हैं. रोज कई बच्चे अपनी जान गंवा रहे हैं. जो अस्पताल पहले कोविड मरीजों से भरे दिखाई पड़ते थे, अब इस वायरल बुखार की वजह से भर्ती हो रहे हैं.

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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, बच्चों और बड़ों को जोड़कर 51 मौतें हुई हैं लेकिन गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अकेले फिरोजाबाद में 80 से ज्यादा मौतें हैं, जिसमें बच्चों की मौत सर्वाधिक हैं.

तारीखों से समझिए कैसे फैला ये रहस्यमय बुखार

18 अगस्त

फिरोजाबाद के झलकारी नगर में अचानक 4 बच्चों को बुखार की शिकायत हुई. हॉस्पिटल लाया गया. डॉक्टर ने सामान्य बुखार मानते हुए उपचार शुरू किया.


19 अगस्त

झलकारी नगर के पास ही नगला अमन और झलकारी नगर में भी बुखार फैला. 12 मरीज अस्पताल में पेट दर्द की शिकायत के साथ भर्ती हुए. इसमें 11 बच्चे रहे और एक बुजुर्ग. 


20 अगस्त

 जिला प्रशासन ने तवज्जो नहीं दी. वायरल बुखार के पीड़ितों की संख्या और बड़ी. 14 वर्ष की एक लड़की को बुखार आया था और उसकी जांच कराई तो पता लगा कि डेंगू पॉजिटिव है. बाद में लड़की ने दम तोड़ दिया. इसके बाद ऐलान नगर में सत्येंद्र कुमार, अर्जुन, राकेश, विमलेश, राजवती, उषा देवी, बंटी, हरीकिशोर, अंजू, अनुराधा, रचना, बबीता, हरि देवी, तेज बुखार से पीड़ित हुईं

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 21 अगस्त

बुखार का कहर बढ़ता रहा. 24 घंटे में रामनिवास और विमला की मौत हो गई. कुल तीन लोगों ने दम तोड़ा लेकिन किसी का भी ब्लड सैंपल नहीं लिया जा सका. और यह माना जाने लगा कि यह वायरल बुखार है.


22 अगस्त

आजाद नगर और नगला विष्णु में भी वायरल बुखार तेजी से फैला. एक बच्चे हर्षित की हुई मौत. मेडिकल विभाग हुआ सक्रिय और घरों में दवाई देना शुरू किया गया.

23 अगस्त

वायरल बुखार हुआ बेकाबू. जिला अस्पताल में एक ही पलंग पर तीन-तीन मरीज मिटाए गए. बालरग वार्ड में 36 मरीजों की भर्ती की गई. एलान नगर की महिला राजेश्वरी ने बताया कि बच्चे को तेज बुखार है . खड़ा तक नहीं हुआ जा रहा लेकिन पलंग खाली नहीं है. जमीन पर लेटा दिया गया.

24 अगस्त

मेडिकल कालेज के सीएमएस डॉ हंसराज बोले मरीजों की अधिक संख्या होने के बाद हमने अलग वार्ड खुलवा दिए हैं. एक बच्चा एक पलंग पर ही मिटाने का इंतजाम किया जा रहा है . वहीं स्वास्थ विभाग ने 90 पलंग की अतिरिक्त व्यवस्था की. 

25 अगस्त

वायरल बुखार की वजह से पीड़ितों की संख्या तेजी से बड़ी. भगवान नगर, न्यू रामगढ़ में डेंगू से 3 की और मौत. विधायक मनीष असीजा मृतकों के घर पहुंचे. 

26 अगस्त

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वायरल बुखार से 4 बच्चों की और मौत. पीपल नगर, इंदिरा नगर, ऐलान नगर सहित कई इलाकों में वायरल तेजी से फैला. मुख्य चिकित्सा अधिकारी नीता कुलश्रेष्ठ ने मौतों की जानकारी है. लगातार हो रही मौतों के बीच 26 अगस्त को ही कोविड-19 के वार्ड को बच्चों के लिए तब्दील कर दिया गया. आदेश दिए गए कि कोविड-19 वार्ड में अब बच्चों को भर्ती किया जाए.  27 अगस्त को महामारी का रूप लिया और  लोगों ने वायरल बुखार को कोरोना की तीसरी लहर समझ लिया. 


27 अगस्त

बच्चों की मौत का मामला प्रभारी मंत्री मोती सिंह तक पहुंचा. फिर जिलाधिकारी ने जगह-जगह पर कैंप लगवाएं और  नगर निगम ने सफाई की व्यवस्था के लिए अपने सफाई कर्मियों की तैनाती की. लेकिन प्राइवेट हॉस्पिटल तथा सरकारी हॉस्पिटल में बीमारों के लिए जगह नहीं. अस्पतालों में नए मरीजों की भर्ती बंद. 

28 अगस्त

शहरी क्षेत्र से निकलकर डेंगू बुखार का कहर अब ग्रामीण इलाकों में पहुंचा. बच्चों को तेज बुखार तथा पेट में दर्द की शिकायत. अचानक ही प्लेटलेट्स गिरने लगे. स्वास्थ्य महकमा की पैथोलॉजी डिपार्टमेंट ने कि घर-घर जाकर लोगों की टेस्टिंग. जिलाधिकारी चंद्र विजयसिंह ने कैंप लगाने के आदेश दिए. मेडिकल कॉलेज में भर्ती 132 मरीजों में से 32 में डेंगू के लक्षण मिले. 

 29 अगस्त

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बुखार प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल कॉलेज में बीमारों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य कर्मियों के हाथ पैर फूले. स्वास्थ्य कर्मियों तथा डॉक्टरों की सभी छुट्टियां रद्द की गईं .जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बताया कि 30 अगस्त को मुख्यमंत्री फिरोजाबाद का अचानक दौरा करेंगे.

30 अगस्त

 मुख्यमंत्री ने फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज का दौरा किया. स्वास्थ्य नगर विकास विभाग के रवैया से बहुत नाराज दिखे मुख्यमंत्री. मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों को बताया कि अभी तक 39 की अधिकारिक तौर पर मौत हुई है जिसमें से 32 बच्चे हैं 7 पुरुष हैं.

 31 अगस्त

पिछले 6 घंटे में छह और मौतें हुईं और मृतकों की संख्या पहुंची 45 के पार. जन्माष्टमी के दिन भी कई बच्चों की मौत हुई. नगला कदम में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम.डेंगू वायरल बुखार से पीड़ित 185 बच्चे मेडिकल में कॉलेज में भर्ती. मुख्यमंत्री ने जिस बेटी को बुलाया था 31 तारीख को उस बिटिया कोमल की भी हो गई मौत. कांग्रेस के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने फिरोजाबाद का दौरा किया. मांग रख दी कि मृतक के परिजन को ₹10 लाख का मुआवजा दें सरकार.वहीं इस दौरान सीएमओ वीता कुलश्रेष्ठ का किया गया ट्रांसफर. उनकी जगह पर डॉक्टर दिनेश प्रेमी नए सीएमओ बनाए गए.

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1 सितंबर

उत्तर प्रदेश की 6 सदस्य टीम ने जिले में डेरा डाला. कई इलाकों में टीम आई और घरों में मिला लारवा. 

2 सितंबर

 फिरोजाबाद में डेंगू से एक ही दिन में 5 और बच्चों की मौत हुई. शहर भर में  सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई. लापरवाही के लिए पीएचसी प्रभारी डॉ सहित निलंबित. वहीं संत नगर में 5 वर्ष के बच्चे हर्ष की मौत. योगी आदित्यनाथ की टीम जिले की हकीकत जानकर लखनऊ लौटी. 

3 सितंबर

मृतकों का आंकड़ा बढ़कर हुआ 50. बेकाबू डेंगू से कई इलाकों के लोग घर छोड़कर जाने पर मजबूर. प्रशासन ने मौतों के आंकड़े पर बाजीगरी शुरू की. सीधे-सीधे आंकड़े देने की बजाय 24 घंटे के आंकड़े देने की हिदायत दी. स्वास्थ्य महकमे की भारी कमी देखी गई. आईसीएमआर द्वारा निर्देशित स्वास्थ्य मंत्रालय से 5 सदस्य टीम भारत सरकार ने भेजी जिसका काम अलग-अलग स्थानों पर जाकर यह परीक्षण करना रहा कि मरीजों की संख्या क्यों बड़ी है और इतने मृतक कैसे हुए हैं.


 4 सितंबर

हॉस्पिटल में साढे 400 बच्चे हुए भर्ती. तत्काल एक नया वार्ड बनाने के लिए आदेश दिए गए. लगातार मरीजों के बढ़ने के कारण जिला प्रशासन के हाथ पैर फूले. 30 अगस्त को मुख्यमंत्री के दौरे के बाद भी न तो मरीजों की संख्या कम हुई और ना ही डेंगू वायरल पर काबू पाया जा सका.

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