पूर्वी उत्तर प्रदेश में बाढ़ का कहर जारी है, बलिया, गाजीपुर, वाराणसी, मिर्जापुर, चंदौली और मुगलसराय में बाढ का पानी घटने की बढ़ रहा है. बिहार से सटे बलिया में बाढ़ ने 2003 का रिकॉर्ड भी तोड़ दिया है और गंगा का पानी खतरे की निशान से करीब 3 मीटर ऊपर बह रहा है.
बलिया
बिहार-यूपी नेशनल हाईवे पर बाढ़ का पानी चढ़ गया है और कई जगह दबाव इतना ज्यादा बना है कि वो टूटने की कगार पर है. बलिया जिले का दुबेछपरा, मझौआं जैसे इलाकों में एनएच पर रिसाव शुरू है जिसे बचाने के लिए जिला प्रशासन और आमलोग दिन-रात लगे हैं. सागरराली में बाढ़ का पानी एनएच 31 के ऊपर से बह रहा है.
वाराणसी
वाराणसी में गंगा खतरे की निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है. हर घंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है. वाराणसी में गंगा अब किनारे को छोड़कर बाजार की तरफ बढ़ने लगी है. गंगा का उफनता हुआ जल अब घाटों से ऊपर आगे शहर की तरफ बढ़ने लगा है. पानी वाराणसी के दशाश्वमेघ बाजार तक पहुंच गया है. दुकानें जलमग्न हैं और जिनकी दुकानों पर पानी चढ़ रहा है वो चिंतित हैं कि आगे क्या होगा लिहाजा चिंता भरी निगाहों से जलप्रलय को निहार रहे हैं. वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा है कि वाराणसी में राहत-बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमें मौजूद हैं.
NDRF teams are present at Varanasi for rescue & relief work. The MP office there is working round the clock to provide all assistance.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 24, 2016
गाजीपुर
पूर्वांचल सहित जनपद गाजीपुर में गंगा का बढ़ाव बदस्तूर दूसरे हफ्ते भी जारी है. गाजीपुर का जमानियां तहसील इस बाढ़ में सबसे ज्यादा प्रभावित है. प्रशासनिक दांवों के अनुसार लगभग 400 गांव के तकरीबन 2 लाख लोग बाढ़ की चपेट में है और जिला प्रशासन तत्काल 25 से 30 ज्यादा बाढ़ प्रभावि त गांवों को तुरंत खाली कराने की अपील भी कर रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन के साथ एनडीआरएफ की टीमें भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगातार गश्त लगा कर लोगों के बीच बाढ़ की जानकारी के साथ राहत कार्य कर रही है. मुगलसराय ,चन्दौली और मिर्जापुर का भी यही हाल है, कई जगहों पर पानी का बहाव तेज है कई जगहों पर ये स्थिर है लेकिन अबतक खतरा टला नहीं है और लोग सड़कों और बांधों पर खड़े होकर लगातार पानी के खतरे को निहार रहे हैं.