उत्तर प्रदेश के कई जिले गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से प्रभावित हैं. प्रयागराज से लेकर मिर्जापुर, वाराणसी और बलिया तक उफनाई गंगा का पानी रिहायशी इलाकों में पहुंच चुका है. इन इलाकों में रहने वाले लोग बाढ़ की त्रासदी से बेहाल हैं. प्रयागराज में आई बाढ़ ने लोगों के जन जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है.
प्रयागराज के कई इलाके बाढ़ के पानी मे डूब गए हैं. छोटा बघाड़ा, सलोरी, बेली गांव, करैली के गौसनगर इलाके में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रो में झूंसी का बदरा सुनौटी का संपर्क टूट गया है और घूरपुर का कंजसा गावँ सब बाढ़ के पानी घुस गया है.
वाराणसी में भी गंगा नदी ख़तरे के निशान से ऊपर बह रही है. 3 साल बाद जबरदस्त आई बाढ़ के चलते गंगा किनारे तटीय इलाकों में रिहायशी कालोनियों में रहने वाले सैकड़ों छोटे बड़े घरों में गंगा का पानी घुस चुका है. जिसके बाद पलायन, राशन, पेयजल, आवगमन और चिकित्सा सहित तमाम दिक्कतों से बाढ़ प्रभावित इलाकों के हजारों लोगों को सामना करना पड़ रहा है.
वाराणसी में रौद्र रूप में गंगा
वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी जारी है. गंगा का जलस्तर प्रतिघंटा एक सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. बुधवार को दोपहर एक बजे तक की रीडिंग के मुताबिक गंगा का जलस्तर 71.26 मीटर खतरे के निशान को पार करके 71.31 मीटर तक आ पहुंचा था. अगर जलस्तर बढ़ता गया तो आने वाले दिन वाराणसी के लिए और मुश्किल भरे हो सकते हैं.
मिर्ज़ापुर में गंगा में बाढ़ का असर ग्रामीण इलाकों में दिख रहा है. चील्ह इलाके के दो गांवों में कई घर बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. वहीं बाढ़ से निपटने में जिले का प्रशासनिक अमला कितना चुस्त दुरुस्त है इसकी पोल भी तब खुल गई जब बाढ़ प्रभावित इलाकों का हाल जानने पहुंचे डीएम को लेखपाल बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या तक नहीं बता पाए. जिस पर डीएम ने जम कर लेखपाल को फटकार लगाया और निलंबित की धमकी तक दे डाली.
अलर्ट मोड पर प्रशासन
गंगा नदी के बढ़ते हुए जलस्तर ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली में भी रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. गंगा नदी का पानी अब चंदौली के रिहायशी इलाकों में भी पहुंच गया है और बाढ़ की दस्तक से ग्रामीण दहशत में हैं. उधर गंगा के लगातार बढ़ते जलस्तर और तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के हालात को देखते हुए जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है. गंगा नदी के किनारे बसे गांवो में बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी गई हैं और अधिकारी मौके पर जाकर हालात का जायजा भी ले रहे हैं.
गंगा नदी का पानी अब मुगलसराय से वाराणसी को जोड़ने वाले जीटी रोड तक पहुंच चुका है. एक तरफ बाढ़ का पानी रिहायशी इलाकों में पहुंच गया है. वहीं गंगा नदी के तटवर्तीय इलाकों में पशुओं के चारे और धान की फसल भी पानी में डूब गई है. दरअसल वाराणसी से सटे चंदौली जिले में गंगा नदी नियमताबाद चहनियां और धानापुर ब्लॉक के सैकड़ों गांवों से होते हुए गुजरती हैं.
हमीरपुर में भी परेशान हैं लोग
रौद्र रूप धारण करने के बाद उफनाई गंगा नदी का पानी इन तीनों ब्लाकों के दर्जनों गांवों में पहुंच गया है और लोग गंगा के लगातार बढ़ रहे जलस्तर से दहशत में हैं. एक तरफ गंगा नदी अपना रौद्र रूप दिखा रही है वहीं फतेहपुर में यमुना नदी का भी रौद्र रूप दिखाई दे रहा है. यहां पर बिंदकी इलाके में दर्जनों गांव उफनाई यमुना के पानी में डूब गए हैं. यही हाल हमीरपुर का भी है.
हमीरपुर ज़िले में खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही यमुना और बेतवा नदियों से आई भीषण बाढ़ से भारी तबाही जारी है. जिससे एक हाइवे में पानी भर गया है.
खतरे में कल्प वृक्ष का अस्तित्व
यही नहीं पौराणिक कल्प वृक्ष का अस्तित्व भी खतरे में आ गया है. इतना ही नहीं हमीरपुर शहर के कई मुहल्लों में पानी घुस जाने से हड़कम्प मचा हुआ है. जिला प्रशासन पम्पिंग सेट लगाकर पानी को निकालने की कवायद जुटा हुआ है.
औरैया में भी बाढ़ से लोगों का जनजीवन बेहाल है. औरेया जनपद में अयाना थाना क्षेत्र में एक दर्जन गांवों में पानी घुस गया है. पानी सड़कों पर नावें चल रही हैं. यहां पर कोटा वेराज से छोड़े गए पानी ने अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है. अब तक औरेया जनपद में एक दर्जन गांव पानी की चपेट में आ गए हैं. जिला प्रशासन ने सुरक्षा के लिए कई चौकियों का गठन किया है.