उत्तर प्रदेश में फ्रंटलाइन वर्करों को कोरोना महामारी से बचाने के लिए शासन ने बूस्टर डोज लगवाने के निर्देश दिए थे. उसी क्रम में बांदा में मेडिकल स्टाफ, राजस्व सहित तमाम विभागों के वर्करों की बड़ी लापरवाही सामने आई है. अब डीएम अनुराग पटेल ने कड़ा रुख अपनाते हुए इन फ्रंटलाइन वर्करों का जनवरी के वेतन तब तक रोकने का आदेश दिया है, जब तक वे बूस्टर डोज नहीं लगवा लेते हैं.
डीएम अनुराग पटेल ने आदेश देते हुए कहा कि प्रतिदिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये शासन के मुख्यसचिव द्वारा कोविड 19, प्रथम डोज, द्वितीय डोज के साथ 14 से 18 वर्ष की वैक्सीनेशन की प्रगति की समीक्षा की जाती है, जिसमे बांदा जिले में द्वितीय डोज, 14 से 18 वर्ष के बच्चों की डोज और हेल्थ केयर वर्कर्स एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स की बूस्टर डोज स्टेट एवरेज से जिले का एवरेज कम होने एवं प्रगति संतोषजनक न होने के कारण मुख्य सचिव ने नाराजगी जताई थी और कड़ाई से शासन के निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए थे.
उन्होंने यह भी कहा कि बार बार कहने के बावजूद मेडिकल स्टाफ सहित फ्रंट लाइन वर्करों जिसमें कई अधिकारी भी शामिल हैं, शासन के दिये निर्देशों का पालन नहीं किया. बूस्टर डोज न लगवाने वाले फ्रंटलाइन वर्करों में पंचायती राज, ग्राम विकास, जिला कार्यक्रम, राजस्व विभाग के कर्मचारी शामिल हैं.
डीएम अनुराग पटेल ने कहा कि जिले में कोरोना फेज 3 की लहर को देखते हुए मेडिकल विभाग की आशाएं, ANM के साथ डॉक्टर्स, पंचायती राज, राजस्व सहित ग्राम विकास विभाग के कर्मचारियों का जनवरी 2022 के वेतन रोकने का निर्देश दिया है और सभी को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे सभी कर्मचारी जल्द से जल्द बूस्टर डोज लगवाने के बाद अपना प्रमाण पत्र जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए साथ ही जिनकी बूस्टर डोज ड्यू नही है वो भी जिला स्तरीय अधिकारियों से अपना प्रमाण पत्र जिला प्रशासन को उपलब्ध कराए ताकि जनवरी के वेतन देने पर सम्बंधित को निर्देश दिया जाए.
(रिपोर्ट- सिद्धार्थ गुप्ता)