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धर्मांतरण-बुजुर्ग पिटाई: दो घटनाएं जो चुनावी साल में खड़ा कर सकती हैं सियासी बवाल 

यूपी के गाजियाबाद के लोनी में एक बुजुर्ग की पिटाई का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नोएडा में धर्मांतरण का मुद्दा सामने आ गया है, जिसमें गैर-मुस्लिमों को मुस्लिम बनाने के आरोप में मोहम्मद उमर गौतम और जहांगीर कासमी को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया है. यूपी में चुनावी आहट के बीच ये दोनों घटनाएं भावनात्मक तौर पर सूबे के सियासी माहौल की तपिश को बढ़ा सकती हैं? 

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धर्मांतरण का आरोपी उमर गौतम
धर्मांतरण का आरोपी उमर गौतम
स्टोरी हाइलाइट्स
  • गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का केस
  • नोएडा में गैर-मुस्लिमों का धर्मांतरण कराने का मामला
  • चुनावी साल के चलते दोनों मुद्दों से सियासत गर्मा गई है

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गईं हैं और राजनीतिक बिसात बिछाई जाने लगी है. हाल ही में गाजियाबाद के लोनी में एक बुजुर्ग की पिटाई का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि नोएडा में धर्मांतरण का मुद्दा सामने आ गया है, जिसमें गैर-मुस्लिमों को मुस्लिम बनाने के आरोप में मोहम्मद उमर गौतम और जहांगीर कासमी को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया है. यूपी में चुनावी आहट के बीच ये दोनों घटनाएं भावनात्मक तौर पर सूबे के सियासी माहौल की तपिश को बढ़ा सकती हैं? 

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उत्तर प्रदेश पुलिस के एटीएस ने सोमवार को बड़े पैमाने पर कथित धर्मांतरण करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है. मूक- बधिर छात्रों को नौकरी और शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराने के आरोप में यूपी एटीएस ने दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले मुफ्ती काजी जहांगीर आलम मोहम्‍मद उमर गौतम गिरफ्तार किया है. इतना ही नहीं पुलिस ने इनके संस्था के कार्यालय को भी सील कर दिया है और उनसे पूछताछ कर रही है. पुलिस ने धर्मांतरण में विदेश से फंडिंग की बात भी कही है.  

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच एजेंसियों को धर्मांतरण मामले की पूरी तह में जाने का निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने आदेश दिया है कि आरोपियों पर गैंगस्टर और एनएसए के साथ-साथ प्रॉपर्टी जब्त करने की कार्रवाई की जाए. पुलिस ने दावा किया है कि आरोपी उमर गौतम ने करीब एक हजार गैर मुस्लिम लोगों को मुस्लिम धर्म में धर्मांतरित कराया और उनकी मुस्लिमों से शादी कराई है. इस मामले पर सियासत भी तेज हो गई है. सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है.  
 
वहीं, गाजियाबाद के लोनी में पिछले दिनों पांच जून को बुजुर्ग अब्दुल समद की पिटाई और दाढ़ी काटने का मामला सामने आया था. इतना ही नहीं कथित तौर पर बुजुर्ग को जय श्रीराम का नारा लगाने के लिए मजबूर किया गया, जिसे लेकर लगातार सियासी बवाल मचा हुआ है. इस मामले में पुलिस ने तीन एफआईआर दर्ज कर चुकी है और समाजवादी पार्टी के नेता उम्मेद पहलवान समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में ट्वीटर के खिलाफ भी धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. 

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बुजुर्ग की पिटाई को लेकर बीजेपी और विपक्ष के बीच पहले से सियासत गर्म है और अब नोएडा में धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद भावनात्मक रूप से राजनीतिक तपिश बढ़ती जा रही है. यूपी में महज सात महीने के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में इन दोनों घटनाओं ने सियासी उबाल पैदा कर दिया है, क्योंकि इसमें समर्थन और विरोध करने वाले दोनों ही पक्षों को अपने-अपने सियासी लाभ मिलने की उम्मीद दिख रही है. 

गाजियाबाद की घटना को लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर इसे शर्मनाक बताया था. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि मैं ये मानने को तैयार नहीं हूं कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं. ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर हैं और ऐसी घटनाएं समाज और धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है.  

राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा था कि प्रभु श्रीराम की पहली सीख है- सत्य बोलना, जो आपने जीवन में कभी किया नहीं. सीएम योगी ने कहा कि शर्म आनी चाहिए कि पुलिस की ओर से सच्चाई बताए जाने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं. सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें. 

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वहीं, अब नोए़डा में धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद योगी सरकार ने सख्त तेवर अख्तियार कर लिए हैं तो आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतउल्ला खाने ने इसे बीजेपी का राजनीतिक साजिश करार दिया. अमनातउल्ला खाने ने कहा कि भारतीय संविधान आर्टिकल 25 के तहत सभी को अपने धर्म के प्रचार-प्रसार करने की अनुमति देता है. ऐसे में योगी सरकार ने सिर्फ चुनावी फायदे के लिए दोनों मौलानों को गिरफ्तार किया गया है. साथ ही सपा के प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा कि यूपी की नाकामियों को छिपाने के लिए योगी सरकार इस तरह से मुद्दों को उछाल रही है ताकि लोगों का ध्यान हटाया जा सके. 

 

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