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यूपी सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियां लगाने के लिए SC से मांगी छूट, 8 साल पहले लगी थी रोक

दरअसल, 2006 में वडोदरा में जिला अदालत ने सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमण करके धार्मिक गतिविधियों के लिए किए गए निर्माण को हटाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी.

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Supreme Court
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2013 में SC ने कहा था- प्रतिमाओं की अनुमति ना दें राज्य
  • गुजरात HC ने सार्वजनिक स्थलों से प्रतिमाएं हटाने का दिया था आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार सार्वजनिक स्थानों पर संतों, धार्मिक नेताओं, राजनीतिक हस्तियों, स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों की प्रतिमाओं को लगाना चाहती है. इसके लिए योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से उसके 8 साल पुराने आदेश में छूट देने की मांग की है. दरअसल, 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कहा था कि वे सार्वजनिक जगहों पर मूर्तियां लगाने की अनुमति ना दें.

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दरअसल, 2006 में वडोदरा में जिला अदालत ने सार्वजनिक स्थलों पर अतिक्रमण करके धार्मिक गतिविधियों के लिए किए गए निर्माण को हटाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. 

वडोदरा में हुआ था हंगामा 
अदालत के इस फैसले के खिलाफ वडोदरा में काफी हंगामा हुआ था. यहां तक की भीड़ ने जिला अदालत पर पथराव किया था. इसके अलावा यहां खड़े वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया था. इस मामले में मीडिया रिपोर्ट्स के बाद गुजरात हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था और अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों से सभी धार्मिक संरचनाओं को हटाने का निर्देश दिया था. 

इस मामले में यूपीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में राज्यों को आदेश दिया था कि वे सार्वजनिक जगहों पर मूर्तियां लगाने की अनुमति ना दें. साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि यह स्ट्रीट लाइट, ट्रैफिक, टोल, पब्लिक यूटिलिटी सर्विस या सड़कों के सौंदर्यीकरण पर लागू नहीं होगा. 

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