यूपी सरकार ने मेरठ के हाशिमपुरा दंगों के पीड़ितों के लिए 2 करोड़ 24 लाख रुपये का मुआवजा मंजूर किया है. पिछले महीने की कैबिनेट बैठक में लिए फैसले के बाद पीड़ितों को इस राशि से आर्थिक मदद दी जाएगी.
राज्य सरकार की ओर से दूसरी बार पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि मंजूर की गई है. मुआवजे के तहत घटना में मारे गए या लापता हुए 38 लोगों को एक करोड़ 90 लाख रुपये दिए जाने हैं, जबकि पांच घायलों और दो मृतकों के परिजनों को 34 लाख 20 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाना तय हुआ है.
मुआवजे को लेकर शुरू हुआ बवाल
मुआवजे की इस
राशि के मंजूर किए जाने पर एक बार फिर सियासी बवाल शुरू हो
गया है, क्योंकि बीजेपी इसे वोट बैंक की राजनीति बताते हुए
दोबारा मुआवजा देने की परम्परा को गलत बता रही है.
दूसरी ओर समाजवादी पार्टी सरकार ने न सिर्फ निचली
अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील
दाखिल कर दी है बल्कि 27 साल से इंसाफ की आस लगाए
परिवारों को आर्थिक मदद देने के इस फैसले को सही ठहराया
है.
यूपी सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल
जफरयाब जिलानी ने कहा कि सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील फाइल कर दी है. उसमें
दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर दिया है. 21 जुलाई को मामले में सुनवाई होनी है.
उधर बीजेपी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा, 'सरकार उनकी मदद करना चाहती है तो करे, लेकिन मुआवजे की परंपरा दोबारा देने की हो रही है. अगर ऐसा होगा तो और लोग भी मांगेंगे. हमें उनकी मदद हो कोई आपत्ति नहीं है. उनको न्याय मिले, उसमें अगर सरकार कोई पहल करती है तो अच्छी बात है. मगर दोबारा मुआवजे की जो परम्परा है वो केवल वोटबैंक के नजरिए से सरकार कर रही है.'