चुनावी साल में यूपी सरकार शायरों व लेखकों के लिए सौगात लेकर आई है. इसके तहत उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी अब सूबे के शायरों व लेखकों का दो लाख रुपये का बीमा कराएगी. वहीं वार्षिक आर्थिक सहायता के रूप में एकमुश्त दी जाने वाली रकम पांच हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपये करने का भी फैसला किया गया है.
शायरों व लेखकों पर सरकार की मेहरबानी का आलम यही खत्म नहीं होता. प्रदेश में अब शायरों व लेखकों की मौत के बाद उनकी पत्नी को भी सरकार द्वारा पेंशन दी जाएगी. उर्दू अकादमी के अध्यक्ष मुनव्वर राना के कार्यभार संभालते ही अकादमी की ठप योजनाओं में तेजी आ गई है. साथ ही रोज-ब-रोज बढ़ रही महंगाई को देखते हुए योजनाओं की राशि में भी बढ़ोतरी करने का निर्णय किया गया है.
अब हर माह मिलेंगे दो हजार रुपये
अकादमी की ओर से शनिवार को जारी निर्देश के अनुसार शायरों व लेखकों को एक हजार रुपये प्रतिमाह मिलने वाली सहायता अब दो हजार रुपये कर दी गई है. इसके साथ ही अकादमी ने निर्णय किया है कि अब 50 साल की उम्र पार कर चुके शायरों व लेखकों का दो लाख रुपये का बीमा भी कराया जाएगा. पहले साल सूबे के एक हजार शायरों को इसका लाभ देने का फैसला किया गया है.
इसके साथ ही अकादमी ने उर्दू के विकास को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में 60 उर्दू कोचिंग स्कूल खोलने का भी फैसला किया है. इन उर्दू कोचिंग स्कूलों को अकादमी चार हजार रुपये प्रतिमाह अनुदान देगी.