अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शहर के विकास पर खास ध्यान दे रहे हैं. अयोध्या में भगवान राम की प्रस्तावित मूर्ति और क्षेत्र के विकास के लिए योगी सरकार ने 7 सदस्य एक्सपर्ट कमेटी बनाई है.
कमेटी अयोध्या में पर्यटन और विकास की संभावित परियोजनाएं को लेकर एक रोड मैप बनाएगी. इन योजनाओं के तहत भगवान राम की प्रतिमा, डिजिटल म्यूजियम, लैंड-स्केप फूड प्लाजा आदि का निर्माण कराया जाएगा. सीएम योगी का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का राम मंदिर पर फैसला आने के बाद विकास और पर्यटन की असीम संभावनाएं बढ़ गई हैं.
अयोध्या में बनेगी भगवान राम की विशालकाय मूर्ति
योगी आदित्यनाथ सरकार अयेाध्या को अंतरराष्ट्रीय स्तर की पर्यटन नगरी के तौर पर विकसित करने की योजना बना रही है. इससे आने वाले समय में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. बता दें कि यूपी सरकार ने पहले ही ऐलान किया है कि वह धार्मिक नगरी अयोध्या में भगवान राम की विशालकाय मूर्ति स्थापित करेगी.
अपर मुख्य सचिव (सूचना) अवनीश अवस्थी के मुताबिक भगवान राम की मूर्ति 151 मीटर ऊंची होगी. मूर्ति के ऊपर 20 मीटर उंचा छत्र एवं नीचे कुल 50 मीटर का आधार होगा. इस प्रकार मूर्ति की कुल ऊंचाई 221 मीटर संभावित है.
अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही नवंबर माह की शुरुआत में अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा देने और भगवान राम की प्रतिमा के निर्माण को लेकर उत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक हुई थी. इस बैठक में अयोध्या के पूरे विकास के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 447.46 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया था. इस रकम का इस्तेमाल मीरापुर इलाके में 61.38 हेक्टेयर जमीन खरीदने में किया जाएगा. सरयू किनारे की जमीन में भगवान राम की 251 मीटर प्रतिमा लगाई जाएगी.
इसके अलावा बजट के इस पैसे का इस्तेमाल पर्यटन विकास, अयोध्या के सुंदरीकरण, डिजिटल म्यूजियम, इंटरप्रिटेशन सेंटर, लाइब्रेरी, पार्किंग, फूड प्लाजा, लैंडस्कैपिंग और दूसरी पर्यटन की सुविधाओं के लिए किया जाएगा. सरयू के तट पर लगने वाली राम की प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी.