उत्तर प्रदेश के आगरा के श्रीपारस अस्पताल को राज्य सरकार ने क्लीन चिट दे दी है. पिछले दिनों अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें ऑक्सीजन की कमी के मॉकड्रिल के दौरान 22 लोगों की मौतें होने का दावा किया गया था.
वीडियो कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान का था. वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल को प्रशासन ने सीज कर दिया था. अब जांच के बाद अस्पताल को क्लीन चिट देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि मॉक ड्रिल और ऑक्सीजन सप्लाई रोके जाने का कोई भी सबूत नहीं मिला है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच में पाया गया है कि 15 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच में श्रीपारस अस्पताल में 16 लोगों की जान गई थी. इसमें से 14 मरीज गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. अस्पताल के मालिक का यह वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ था, जिसके बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे.
वीडियो में अस्पताल के मालिक डॉ. अरिंजय जैन ने पांच मिनट तक मरीजों के लिए ऑक्सीजन की सप्लाई रोकने का दावा किया था. हालांकि, सरकार की जांच में इस जानकारी को सही नहीं पाया गया है, जिसके बाद अस्पताल को क्लीन चिट दे दी गई.
वहीं, वीडियो के वायरल होने के बाद अस्पताल के मालिक ने सफाई पेश की थी और कहा था कि किसी भी मरीज से ऑक्सीजन नहीं हटाई गई. मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने अस्पताल में भर्ती अन्य कोरोना मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया था. जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने भी 22 लोगों की मौत की खबर को गलत बताया था. हालांकि, उन्होंने जांच करवाने की भी बात कही थी.