उत्तर प्रदेश में बिजली के दाम में बढ़ोतरी हो सकती है. गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे ऊर्जा विभाग को उबारने के लिए सरकार एक बार फिर उपभोक्ताओं पर दबाव डालने वाली है. प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए इस बात के संकेत दिए हैं.
बिजली की दरों को बढ़ाए जाने को लेकर ऊर्जा विभाग ने नियामक आयोग का दरवाजा खटखटाया है. ऊर्जा विभाग ने आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए दर बढ़ाए जाने का फैसला लिया है. सूत्रों के मुताबिक ऊर्जा विभाग ने नए टैरिफ में घरेलू बिजली को 6.20 पैसे से बढ़ाकर 7.50 पैसे करने का फैसला किया है. वहीं, कमर्शियल बिजली के दाम 8 रुपये से बढ़ाकर 8.85 पैसे तक करने का प्रस्ताव सौंपा है.
बताया जा रहा है कि नियामक आयोग जल्द ही फैसला लेगा और सितंबर के पहले हफ्ते से बिजली महंगी हो सकती है. वहीं उत्तर प्रदेश में जिन लोगों पर बिजली का बड़ा बकाया है, उन पर कार्रवाई के लिए भी अभियान की शुरुआत होगी. जिसके तहत 10 हजार से ज्यादा बिजली बकायेदारों का कनेक्शन कटेगा.
प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार के सख्त निर्देश के बाद इस अभियान को शुरू किया जा रहा है. हर बिजली वितरण खंड को 250 लोगों की लिस्ट दी गई है. जिसके तहत बिजली विभाग अपनी आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए जिन लोगों पर बिजली का बकाया है, उनकी बिजली गुल करेगा.