कुंडा डिप्टी एसपी जिया उल हक हत्याकांड पर गरमाये सियासी माहौल के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने शहीद डीएसपी की पत्नी और भाई को सरकारी नौकरी देने का फैसला किया है.
अखिलेश सरकार ने शहीद डीएसपी की पत्नी परवीन आजाद को डीएसपी रैंक की नौकरी दी हैं. वहीं दिवंगत जिया उल हक के भाई को एसआई रैंक की नौकरी देने का एलान किया है. इस संबंध में देवरिया के डीएम कागजी कार्रवाई के लिए इलाके में पहुंचे हैं.
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गौरतलब है कि यूपी में डीएसपी की हत्या के बाद कार्रवाई के नाम पर दो गिरफ्तारियां और तीन निलंबन भर हुए हैं. लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि पुलिस और सीएमओ के बयान में विरोधाभास है.
सोमवार को सीएमओ ने कहा था कि डीएसपी को तीन गोलियां लगी थीं, जबकि मंगलवार को एडीजी ने कहा है डीएसपी के शरीर पर एक ही गोली के निशान थे. एडीजी ने कुंडा पुलिस को भी शक के घेरे में खड़ा किया है.
वहीं बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है . साथ में यह भी कहा कि राजा भैया का इस्तीफा महज दिखावा है.
अखिलेश सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. विपक्ष और देवरिया की जनता में उपजे आक्रोश के दबाव के चलते सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ये निर्णय लेना पड़ा.
क्या है मामला
प्रतापगढ़ जिले में बलीपुर गांव में शनिवार शाम ग्राम प्रधान और उनके भाई की हत्या की गई थी. इसके बाद भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया था. इस हमले में डीएसपी की मौत हो गई. आठ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. पुलिस ने राजा भैया के खिलाफ केस जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद की शिकायत के बाद दर्ज किया.
आज तक के पास शिकायत की वो कॉपी है, जिसे जियाउल हक की पत्नी ने पुलिस के सामने दी है. इस चिट्ठी में साफ साफ लिखा है कि डिप्टी एसपी जियाउलहक की हत्या राजा भैया के आदमियों ने करवाई है. इतना ही नहीं चिट्ठी में ये भी लिखा गया है कि हत्या से पहले जिया उलहक के साथ मारपीट की गई, और बाद में उन्हें तमंचे से गोली मार दी गई. मृतक डिप्टी एसपी की पत्नी के मुताबिक पिछले कई दिनों से जियाउल हक को धमकिया मिल रही थी.