उत्तर प्रदेश सरकार ने गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) में रजिस्टर्ड 1.25 लाख से अधिक पुराने वाहन हटाने का फैसला लिया है. यह फैसला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए 10 से 15 साल पुराने वाहनों को दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्र से हटाने वाले आदेश के बाद लिया गया.
पुरानी गाड़ियों को हटाने की प्रकिया शुरू
गौतम बुद्ध नगर जिला परिवहन विभाग ने ऐसे वाहनों को हटाने की प्रकिया शुरू कर दी है. पुराने वाहन के मालिकों से संपर्क किया जा रहा है. सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (ARTO) सियाराम वर्मा मुताबिक इन वाहनों को या तो रद्द कर दिया जाएगा या इनके कहीं और उपयोग के लिए एनओसी जारी किया जाएगा. हालांकि, यह एनओसी उन्हीं चुनिंदा जिलों के लिए होगी जो एनसीआर अंतर्गत नहीं आते हैं.
पुलिस उपायुक्त (यातायात) गणेश साहा ने बताया पुलिस विभाग भी सड़कों पर चल रहे ऐसे वाहनों को चिन्हित किया जा रहा है और इनके मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
NOC के बाद इन जिलों में ट्रांसफर कर पाएंगे पुराने वाहन
उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के मुताबिक इन वाहनों को संबंधित क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों एनओसी जारी होने के बाद बेहतर वायु गुणवत्ता वाले 34 जिलों में ट्रांसफर किया जा सकता है. ये जिले इटावा, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर, कुशीनगर, फर्रुखाबाद, जौनपुर, कन्नौज, बलिया, सुल्तानपुर, गाजीपुर, मैनपुरी, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, श्रावस्ती, औरैया, सोनभद्र, फतेहपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, लखीमपुर, बदायूं, बलरामपुर, हरदोई, बहराइच, उरई, एटा, कासगंज, महोबा, ललितपुर, चित्रकूट, हमीरपुर, अमेठी और बिजनौर हैं.
इन वाहनों को चलाने की नहीं होगी अनुमति
परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गौतम बौद्ध नगर में 01 अक्टूबर को 94,299 डीजल और 7,31,811 पेट्रोल सहित 8,26,110 रजिस्टर्ड वाहन थे. इनमें से कुल 1,34,073 वाहनों को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों और राज्य सरकार के आदेश के बाद चलाने की अनुमति नहीं होगी. इनमें 25,238 डीजल और 1,08,835 पेट्रोल से चलने वाले वाहन शामिल हैं.
एनसीआर से पुराने वाहनों को हटाने पर ग्रीन ट्रिब्यूनल के 2016 के दिशानिर्देश को दोहराते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि पुराने वाहनों को डीरजिस्टर करने की प्रकिया शुरू कर दी गई है. इन वाहनों को दिल्ली-एनसीआर में चलने नहीं दिया जाएगा. डीजल वाहन जो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं और BS- I या BS- II मॉडल के हैं उन्हें रद्द कर दिया जाएगा. इन वाहनों के ट्रांसफर के लिए कोई एनओसी जारी नहीं किया जाएगा.