लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता कभी भी लागू हो सकती है. इसके मद्देनजर यूपी में अधिकारियों के फेरबदल का सिलसिला लगातार जारी हैं. शनिवार को भी अखिलेश यादव ने 39 आईपीएस अफसरों के तबादले किए हैं. पिछले दस दिनों में उत्तर प्रदेश में सपा सरकार ने 429 आईएएस, आईपीएस, पीसीएस व पीपीएस अफसरों के ट्रांसफर किए हैं. शुक्रवार को ही 233 अधिकारियों के तबादले हुए. जिसमें 93 एसडीएम, 99 पीसीएस अफसर, 26 आईएएस अफसर और 15 पीपीएस अफसर शामिल हैं. एक दिन में किए गए तबादलों का ये रिकॉर्ड है.
लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले यूपी में सपा सरकार शासन और प्रशासनिक स्तर पर भारी फेरबदल के जरिए अपने मनपसंद अफसरों को तैनाती दे रही है. पिछले दस दिनों से अब तक अखिलेश सरकार ने 122 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं. जिनमें 39 डीएम शामिल हैं. पुलिस विभाग में भी आए दिन अफसरों को अपना सामान एक जिले से दूसरे जिले के लिए बांधना पड़ रहा है. अब तक 115 आईपीएस अफसरों का ट्रांसफर हो चुका है.
बीजेपी और बीएसपी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि सपा सरकार अपने चहेते अधिकारियों की चुनावी लाभ के नजरिए से पोस्टिंग करने में लगी हुई है और ज्यादातर पीसीएस से प्रमोट हुए आईएएस अधिकारियों पर भरोसा कर रही हैं. लेकिन लोकसभा चुनाव में उसको इसका लाभ नहीं मिलेगा, क्योंकि अधिकारियों को नियमानुसार ही काम करना पड़ेगा. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि बड़े पैमान पर किए गए इन तबादलों की जानकारी वो अपने आलाकमान और चुनाव आयोग को भी देंगे और चुनाव आयोग से ये मांग करते हैं कि वो मतदाता सूची जारी होने के तुरंत बाद किए गये इन तबादलों पर संज्ञान ले.
बहुजन समाज पार्टी ने अखिलेश सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ट्रांसफर उद्योग चला रही है. बहुजन समाज पार्टी के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि ट्रांसफर के जरिए सपा सरकार उगाही में जुटी है. इसके अलावा इन अधिकारियों को ये निर्देश भी दिए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को हर तरीके से मदद पहुंचानी है.